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योगी ने यूं ही नहीं बदला मुगल म्यूजियम का नाम, आगरा का छत्रपति शिवाजी से यह है रिश्ता

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सोमवार को अपने एक फैसले से सबको हैरान कर दिया। आगरा मंडल की समीक्षा के दौरान सीएम योगी ने घोषणा की कि आगरा में बन रहा मुगल म्यूजियम (Agra mughal museum) छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Museum agra) के नाम से स्थापित होगा। इस घोषणा के साथ सीएम योगी ने यह भी कहा कि हमारे नायक मुगल कैसे हो सकते हैं? नए उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिह्नों का कोई स्थान नहीं है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अचानक लिए गए इस फैसले के साथ तमाम तरह की अटकलें भी शुरू हो गई हैं। कई लोग इसे महाराष्ट्र में चल रहे ताजा विवाद के साथ जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ इसे अयोध्या में उद्धव ठाकरे के दखल के जवाब के तौर पर भी देख रहे हैं। इनमें से एक वजह इतिहास में भी है और इतिहासकारों की मानें तो मुगल म्यूजियम को छत्रपति शिवाजी के नाम पर करने की यह ज्यादा बड़ी वजह हो सकती है। संधि के लिए आए शिवाजी को औरंगजेब ने धोखे से किया कैद दरअसल छत्रपति शिवाजी मार्च 1666 में अपने बड़े बेटे संभाजी के साथ आगरा आए थे। संधि के लिए छत्रपति शिवाजी को मुगल बादशाह औरंगजेब ने कैद कर लिया था। हालांकि शिवाजी बड़ी चतुराई से महल से गायब हो गए और औरंगजेब कुछ नहीं कर सका। इस बारे में इतिहासकार बताते हैं कि छत्रपति शिवाजी मराठा शासक की हैसियत से औरंगजेब के दरबार में आए थे, मगर मुगल बादशाह ने उन्हें वह स्थान नहीं दिया जो एक समकक्ष को मिलना चाहिए था। स्वाभिमान पर आंच आई तो शिवाजी ने कर दिया विद्रोह शिवाजी इस बात से नाराज हुए और स्वाभिमानवश अपने बेटे के साथ गुस्से में दरबार से बाहर चले आए। हालांकि औरंगजेब को यह नागवार गुजरा और उसने उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश दे दिए। औरंगजेब की कैद में शिवाजी पर हमेशा खतरा मंडराया करता था। एक तरफ औरंगजेब जहां शिवाजी को सजा-ए-मौत देने या अपने लिए काम कराने के लिए विवश करने पर विचार कर रहा था, तो वहीं शिवाजी उसकी कैद से निकलने के लिए योजना बना रहे थे। कड़ी सुरक्षा को भेदकर औरंगजेब के महल से फरार हो गए थे शिवाजी आखिरकार 5 महीने बाद 13 अगस्त, 1666 को वे अपने बेटे संभाजी के साथ फलों की एक टोकरी में बैठकर गायब हो गए। औरंगजेब को जब इसकी खबर लगी तो वह हाथ मलता रह गया, मगर कुछ नहीं कर सका। बताया जाता है कि उसने कई जांच बिठाईं, मगर किसी में भी यह नहीं पता चल सका कि शिवाजी इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच कैसे गायब हो गए। छत्रपति शिवाजी से जुड़ी ऐसी ही यादों को संजोने के लिए मुगल म्यूजियम में उनसे जुड़ी जानकारियां भी रखी जाएंगी। जीवनभर मुगलों से लोहा लेते रहे छत्रपति शिवाजी बता दें कि मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज अपने जीवन के ज्यादातर समय मुगलों से युद्ध करते रहे। शिवाजी ने 6 जून 1674 को मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। साल 1674 में रायगढ़ को उन्होंने अपनी राजधानी बनाया और एक मजबूत सेना का गठन किया। शिवाजी ने उस वक्त गुरिल्ला युद्ध की एक नई शैली विकसित की और जीवनभर मुगल शासक औरंगजेब से लोहा लेते रहे। पर्यटन विभाग के अफसरों को निर्देश सीएम योगी ने यूपी सरकार के पर्यटन विभाग को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रमुख सचिव पर्यटन जितेंद्र कुमार को इस संबंध में कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आगरा में बनने वाले इस संग्रहालय में मुगलकालीन वस्तुओं और दस्तावेजों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज के कालखंड से जुड़ी चीजें भी इस संग्रहालय का हिस्सा होंगी।

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