नई दिल्ली, 29 जुलाई 2020,राफेल लड़ाकू विमान आज भारत पहुंच रहा है. इस विमान के भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के क्या मायने हैं, इसपर आजतक पर कई एक्सपर्ट ने अपनी राय रखी. एक्सपर्ट्स की मानें तो इस विमान से भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी, साथ ही अपनी ज़मीन में रहकर हम दुश्मन को वार कर सकेंगे.
पूर्व बॉम्बर नेविगेटर प्रशांत दीक्षित के मुताबिक, एयरक्राफ्ट में नई जेनरेशन का मतलब अलग-अलग तरीकों से होता है. राफेल को 4.5 जेनरेशन कहा जा रहा है, लेकिन इसका युद्ध में कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. राफेल अपने दम पर बिना देखे हुए भी वार कर सकता है, इसमें हैमर मिसाइल आ रही है जो इसकी ताकत बढ़ा देगा.
प्रशांत दीक्षित ने कहा कि फ्रांस से हमारा पुराना रिश्ता है, हमने पहले भी उनके जहाज उड़ाए हैं. इसके अलावा फ्रांस के साथ स्पेस प्रोग्राम में शामिल रहे हैं. आज हम चीन के साथ तनाव में जूझ रहे हैं, लेकिन राफेल आने से हम दूर से ही दुश्मन को मार सकते हैं.
उन्होंने कहा कि बालाकोट में हमने ऐसा ही किया था जहां पर मिराज का इस्तेमाल करने के साथ ही दुश्मन को तबाह कर दिया गया था. आज राफेल आया है, जिससे और ताकत मिलेगी. प्रशांत दीक्षित के मुताबिक, वाटर सैल्यूट देना एयरफोर्स की पुरानी प्रक्रिया है, जिसे लगातार जारी रखना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही इन्हें उपयोग में लाया जाएगा, फ्रांस एयरफोर्स कई बार इनका इस्तेमाल कर चुकी हैं. प्रशांत दीक्षित के मुताबिक, 1971 की लड़ाई में तीनों सेनाओं ने अपना योगदान दिया, लेकिन जब वायुसेना ने मिग चलाया और जनरल के घर में हमला किया तब पाकिस्तान की हालत खराब हो गई थी.
घर में रहकर वार करेगा राफेल
रिटायर्ड एयर मार्शल वीके भाटिया ने कहा कि हम आठ साल से इसका इंतजार कर रहे हैं, आज का दिन एक गोल्डन डे है. राफेल की क्षमता काफी अधिक है, कई तकनीकी मामले में ये अलग-अलग लड़ाकू विमानों से अलग हैं.
वीके भाटिया के मुताबिक, राफेल विमान अपनी सरहद के अंदर रहकर भी दुश्मन पर निशाना लगा सकता है. यानी बालाकोट जैसी घटनाओं से भी आगे बढ़कर ये राफेल विमान काम करेगा. वीके भाटिया ने कहा कि हमारे फाइटर पायलट को इस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है कि वो किसी भी तरह का विमान उड़ाने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने बताया कि कारगिल में हमने मिराज के ऊपर मिसाइलों का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद टाइगर हिल पर फतह पाई थी. रिटायर्ड एयर मार्शल वीके भाटिया ने बताया कि 1971 की लड़ाई के वक्त हमें खुद ही नेविगेशन करना होता था, लेकिन आज कई तरह की सुविधाएं आ गई हैं. लेकिन राफेल के साथ ऐसी दिक्कतें नहीं हैं, क्योंकि इसमें आधुनिक सुविधाएं हैं.