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नेपाल में स्‍टैंडिंग कमिटी की बैठक को लेकर घमासान, पीएम केपी शर्मा ओली को मनाने पहुंचे प्रचंड

काठमांडू नेपाल में सत्‍तारूढ़ कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहल प्रचंड के गुट के बीच स्‍टैंडिंग कमिटी की बैठक को लेकर जमकर ड्रामा हो रहा है। ओली के गुट का दावा है कि आज होने वाली पार्टी की स्‍टैंडिंग कमिटी की बैठक को टाल दिया गया है, वहीं प्रचंड और उनके समर्थक प्रधानमंत्री के आवास पहुंच गए हैं। कुल 45 में से 25 सदस्‍य ओली के आवास पर मौजूद हैं। उधर, ओली को बैठक में आने के लिए प्रचंड बुलाने गए हैं। प्रचंड समर्थकों का कहना है कि बैठक स्‍थगित नहीं हुई है और यह होगी। काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने कहा कि बैठक को स्‍थगित कर दिया गया है क्‍योंकि अभी ओली और प्रचंड की ओर से प्रस्‍ताव को तैयार नहीं किया गया है। उधर, स्‍टैंडिंग कमिटी की सदस्‍य मैत्रिका यादव ने कहा कि यदि ओली शामिल होने से मना करते हैं तब भी बैठक होगी। उन्‍होंने कहा, 'हम पहले से ही मीटिंग हॉल में मौजूद हैं और अन्‍य सदस्‍यों के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।' बता दें क‍ि ओली और प्रचंड के बीच 2 जून से वार्तालाप जारी है लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका है। अब ओली और प्रचंड दोनों ही गुटों ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। प्रचंड का गुट ओली के इस्‍तीफे की मांग कर रहा है, वहीं पीएम ओली ने धमकी दी है कि अगर उन्‍हें पद छोड़ने के लिए बाध्‍य किया गया तो वह कड़े कदम उठाएंगे। बताया जा रहा है कि चीन के बल पर सत्‍ता बचाने की कोशिशों में जुटे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अब संसद को भंग करने और मध्‍यावधि चुनाव कराने की तैयारी कर रहे हैं। ओली और 'प्रचंड' दोनों अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे नेपाली अखबार कांतिपुर की रिपोर्ट के मुताबिक केपी शर्मा ओली और उनके विरोधी पुष्‍प कमल दहल 'प्रचंड' दोनों ही शह और मात के लिए अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। ओली की तैयारी को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के दोनों ही धड़ों के बीच सहमति बनने के आसार कम होते जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक ओली दो विकल्‍पों पर विचार रहे हैं। पहला-पार्टी के बंटवारे पर अध्‍यादेश लाया जाए ताकि कम्‍युनिस्‍ट पार्टी का चुनाव चिन्‍ह उनके पास ही रहे। दूसरा-संसद को भंग करके मध्‍यावधि चुनाव कराए जाएं। हालांकि यह दोनों ही रणनीति ओली के लिए आसान नहीं होने जा रही है। सूत्रों ने बताया कि ओली ने संसद को भंग करने और मध्‍यावधि चुनाव कराने के कारणों को बताने के लिए अपना भाषण तक तैयार कर लिया है। इससे पहले नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के को-चेयर प्रचंड ने साफ कह दिया था कि अभी पार्टी टूटने की आशंका खत्म नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पीएम ओली क कहने पर कुछ लोगों ने देश के निर्वाचन आयोग के पास CPN-UMN नाम की पार्टी रजिस्टर कराई है। 'NCP में संकट की वजह पीएम ओली का बर्ताव' कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के बीच पैदा हुए राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए नेपाल में चीन की राजदूत ने ताबड़तोड़ बैठकें की थीं जिससे अटकलें लगाई जा रही थीं कि शायद कुछ सुलह हो भी सकती है। हालांकि इसकी उम्‍मीद अब धूमिल होती जा रही है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्थाई समिति की बैठक में प्रधानमंत्री ओली के धड़े और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के खेमे के बीच के मतभेदों को दूर नहीं किया जा सका। इसी बैठक के कुछ दिन बाद ही प्रचंड ने यह बयान दिया था।

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