taaja khabar..लुधियाना से आप के कैंडिडेट सुशील कुमार रिंकू बीजेपी में शामिल, एक विधायक भी बने भाजपाई..चुनाव आयोग ने सुप्रिया श्रीनेत और दिलीप घोष को जारी किया नोटिस, महिलाओं पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी..राजस्थान के लिए भाजपा के स्टार प्रचारक की लिस्ट जारी:पीएम मोदी समेत 10 केंद्रीय मंत्री उतरेंगे चुनावी मैदान में; इनमें 5 सीएम, राजे, राठौड़ और पूनिया भी शामिल..दिल्ली हाई कोर्ट से सीएम केजरीवाल को राहत नहीं, अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी

कर्नाटक सरकार ने पाठ्यक्रम से हटाया टीपू सुल्तान और हैदर अली का चैप्टर

बेंगलुरु सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी ऐजुकेशन (CBSE) ने कोरोना वायरस के चलते कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक का पाठ्क्रम घटाया है। सीबीएसई के बाद अब कर्नाटक सरकार ने स्टेट बोर्ड स्कूलों का पाठ्यक्रम कम किया है। इस पाठ्यक्रम को अब 120 दिनों के वर्किंग डे के हिसाब से तैयार किया गया है और इसे 30 फीसदी घटाया गया है। नया पाठ्यक्रम सोमवार को कर्नाटक टेक्स्ट बुक सोसायटी की वेबसाइट में अपलोड किया गया। इस नए पाठ्यक्रम से टीपू सुल्तान और हैदर अली का चैप्टर हटा दिया गया है। कक्षा 7 की इतिहास की किताब में हैदर अली और टीपू सुल्तान का चैप्टर शामिल था। दिलचस्प बात है कि वेबसाइट पर अपलोड इस पाठ्यक्रम से दोनों चैप्टर गायब हैं। नए पाठ्यक्रम में पीपीटी के जरिए विषयों को दर्शाया गया है। चैप्टर-5 से मैसुरु के वाडियार हटा दिया गया है। इन चैप्टर का किया गया विस्तार चैप्टर 4 में कर्नाटक में ब्रिटिश शासन का विरोध, हालागली बेदास और कित्तूर चेन्नमा-रायन्ना को चार्ट के जरिए विस्तृत किया गया है। चैप्टर से टीपू सुल्तान और हैदर अली के बारे में हटाए जाने से विवाद शुरू हो गया है। शिक्षा निदेशक ने दी सफाई इस मामले में केटीबीएस के निदेशक मेड ग्वाडा ने कहा, 'हमने हैदर अली या टीपू सुल्तान को हटाया नहीं है। पाठ्यक्रम के जो बदलाव किए गए हैं, वे विशेषज्ञों ने किए हैं। हम विशेषज्ञों के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। यहां तक कि हम उनके काम में कोई विशेष टिप्पणी या सुझाव भी नहीं दे सकते हैं।' 'विषय की महत्ता के हिसाब से बना पाठ्यक्रम' निदेशक ने कहा कि विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम में जो बदलाव किए हैं वह उन्होंने विषय की महत्ता को ध्यान में रखकर किए हैं। आखिरकार 220 दिनों के पाठ्यक्रम को मात्र 120 दिनों में करना था। यह पूरी तरह से विशेषज्ञों का काम था। सरकार ने की थी घोषणा आपको बता दें कि जब कर्नाटक में बीजेपी की सरकार आई थी, तब भी इस बात को लेकर विवाद हुआ था। सरकार ने घोषणा की थी कि पाठ्यक्रम से टीपू सुल्तान का चैप्टर हटाया जाएगा। इस घोषणा के बाद सरकार की चौतरफा आलोचना हुई थी जिसके बाद सरकार ने एक कमिटी गठित की थी और इस मामले में सुझाव मांगा था।

Top News