हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की घरेलू मांग देखकर ही एक्सपोर्ट करने पर होगा फैसला

नई दिल्ली, 06 अप्रैल 2020,मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी है, इसके बावजूद कई सारे देश अब इस दवाई की मांग कर रहे हैं. खास सूत्रों ने आजतक को बताया है कि भारत सरकार अब उन देशों को इसे निर्यात करने पर विचार कर रही है जिन्होंने प्रार्थना की है. हालांकि अब भी सरकार की प्राथमिकता घरेलू जरूरतों को पूरा करना है. सूत्र ने कहा है, 'हम लोग घरेलू जरूरतों का निर्धारण कर रहे हैं. अर्थराइटिस, मलेरिया और काफी हद तक COVID-19 के इलाज में भी इसका प्रयोग किया जा रहा है. इसलिए हम पहले अपनी जरूरतों का मूल्यांकन करेंगे, उसके बाद किसी अन्य देश को निर्यात करने पर विचार करेंगे.' 4 अप्रैल 2020 को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय अंतर्गत विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade - DGFT) ने इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी. जिससे की घरेलू बाजार में इस दवाई की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. हालांकि सूत्रों का कहना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर भले ही प्रतिबंध लगा दिया गया हो, लेकिन अपवाद हर जगह संभव है. इस बारे में कैबिनेट सेक्रेटरी की निगरानी में समिति ही आखिरी फैसला लेगी. फिलहाल 30 देशों से हमारे पास इस दवाई की मांग आई है, जिसमें अमेरिका भी शामिल है. भारत सभी देशों की मांग पर गौर करेगा. खासकर पड़ोसी देशों के, क्योंकि भारत हमेशा पड़ोसी पहले वाले सिद्धांत में यकीन करता है. बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार सुबह पीएम मोदी से बात की. इस दौरान उन्होंने अमेरिका में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजने का अनुरोध भी किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार को व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैंने आज सुबह भारत के प्रधानमंत्री को फोन किया. वे बड़ी मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाते हैं. भारत इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है.’’ भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 25 मार्च को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी, लेकिन कहा था कि कुछ भंडार को मानवीय आधार पर भेजने की अनुमति दी जा सकती है. मलेरिया की इस दवा का इस्तेमाल अब कई जगह कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में किया जा रहा है कोरोना वायरस के तीन लाख मामलों की पुष्टि होने और 8,000 से अधिक लोगों की मौत होने के साथ अब अमेरिका इस संक्रामक रोग का वैश्विक केंद्र बनकर सामने आया है. ट्रम्प ने कहा कि अगर अमेरिका के अनुरोध पर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा जारी करता है तो वह आभारी रहेंगे.

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