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EU सांसदों से कितना अलग 17 विदेशी राजनयिकों का मौजूदा कश्मीर दौरा

नई दिल्ली, 09 जनवरी 2020, जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आज से 17 देशों के विदेशी राजनयिक कश्मीर दौरे पर हैं. इस पहले अक्टूबर में यूरोपीय संसद के 23 सदस्यों ने कश्मीर का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लिया था. इस दौरे को लेकर काफी राजनीति हुई थी क्योंकि विपक्ष का आरोप था कि केंद्र सरकार विपक्षी दलों के नेताओं के कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी जबकि इन नेताओं को घाटी के दौरे की इजाजत दी गई थी. पिछली बार जब यूरोपीय संघ के 23 सांसद कश्मीर के दौरे पर गए थे तब उन्होंने अपना निजी दौरा बताया था जिसे लेकर सियासी घमासान मच गया था. लेकिन इस बार केंद्र सरकार की अनुमति से 17 राजनयिकों का दल घाटी जा रहा है जिसमें लैटिन अमेरिकी और अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं. केंद्र सरकार ने इन देशों के आग्रह के बाद उनसे राजनयिकों की लिस्ट मांगी थी जिन्हें वह कश्मीर दौरे पर भेजना चाहते हैं. यह दल घाटी में उप राज्यपाल समेत सिविल सोसायटी के सदस्यों से मुलाकात कर वहां के जमीनी हालात का आकलन करेगा. कैसे अलग है दौरा पिछली बार EU के जो सांसद कश्मीर के दौरे पर गए थे वह भी दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े हुए थे. इंडिया टुडे की डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने तब अपनी रिसर्च में पाया कि EU प्रतिनिधिमंडल के 17 नेता सोशल मीडिया पर भी अपनी दक्षिणपंथी विचारधारा के लिए जाने जाते हैं. साथ ही इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य राष्ट्रवादी, अप्रवासी विरोधी कट्टर इस्लामिक विचारों के प्रखर आलोचक थे. पिछले दौरे पर गए दल के चार सदस्य फ्रांस की रिपब्लिकन पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. इस बार के केंद्र सरकार की ओर से 17 देशों के राजनयिकों को आधिकारिक तौर पर इजाजत दी गई है. साथ ही इस दौरे के लिए सभी जरूरी इंतजाम केंद्र सरकार की ओर से किए गए हैं. इसमें पुख्ता सुरक्षा इंतजाम से लेकर घाटी के विशिष्ट नेताओं से इन विदेशी नेताओं की मुलाकात शामिल है. ईयू के सदस्य अलग से कश्मीर का दौरा कर हिरासत में बंद वहां के पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करना चाहते थे जिसको केंद्र सरकार ने फिलहाल इजाजत नहीं दी है. इसके लिए अलग सुरक्षा इंतजाम के बंदोबस्त करने होंगे. छोटे देशों को भी जगह इसके अलावा पिछली बार जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन और ब्रिटेन जैसे देशों के सांसद कश्मीर दौरे पर गए थे. लेकिन इस बार जिन 17 देशों के राजनयिक कश्मीर जा रहे हैं उनमें अमेरिका, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, उज्बेकिस्तान, नाइजर, नाइजीरिया, मोरक्को, गुयाना, अर्जेंटीना, फिलीपींस, नॉर्वे, मालदीव, फिजी, टोगो, पेरू जैसे अफ्रीकी देशों को भी जगह मिली है. इसके अलावा पड़ोसी देश बांग्लादेश के राजनयिक भी इस दौरे का हिस्सा होंगे.

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