CAA, अयोध्या, 370... मोदी बोले, चुनौतियों को चुनौती देने निकले हैं, हिंसा करने वालों को दी नसीहत

लखनऊ नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर भारी विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि सरकार आगे भी बड़े और कड़े फैसले लेती रहेगी। लखनऊ में बुधवार को अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखते हुए पीएम ने CAA, राम मंदिर और अनुच्छेद 370 का जिक्र किया और कहा कि हमने विरासत में मिली समस्याओं को चुनौती दी है। उन्होंने सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि हम चुनौतियों को चुनौती देने का स्वभाव लेकर निकले हैं। पीएम ने CAA के विरोध के नाम पर हिंसा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को नसीहत दी और अधिकार के साथ कर्तव्य भी याद दिलाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी में जिस तरह कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा की। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। वे अपने घरों में बैठकर खुद से सवाल पूछें कि क्या उनका यह रास्ता सही था? उनकी प्रवृत्ति योग्य थी? पीएम मोदी ने कहा, 'जो कुछ जलाया गया, बर्बाद किया गया क्या वह उनके बच्चों के काम आने वाला नहीं था?' संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा, 'लखनऊ के सांसद ने मेरा स्वागत किया, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मेरा स्वागत किया तो काशी का सांसद धन्यवाद कहता है।' हक और दायित्व को साथ याद रखना जरूरी' पीएम ने कहा, 'इस प्रदर्शन में, हिंसा में जिन लोगों की मृत्यु हुई, जो सामान्य नागरिक जख्मी हुए, जो पुलिसवाले जख्मी हुए, उनके और उनके परिवारवालों के प्रति सोचें कि क्या बीतती होगी। इसीलिए मैं आग्रह करूंगा कि झूठी अफवाहों में आकर हिंसा करने वालों को, सरकारी संपत्ति तोड़ने वालों को मैं कहना चाहूंगा कि बेहतर सड़क, बेहतर ट्रांसपोर्ट, उत्तम सीवर लाइन नागरिकों का हक है, इसको सुरक्षित रखना, साफ-सुथरा रखना भी नागरिकों का ही दायित्व है। हक और दायित्व को हमें साथ-साथ याद रखना है।' कठिन समस्याओं को सुलझाने का प्रयास' प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विकास में योगदान के लिए पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा दिए गए मापदंड़ों का जिक्र करते हुए कि उनकी सरकार विरासत में मिली समस्याओं को सुलझा रही है। उन्होंने कहा, 'आर्टिकल 370 कितनी पुरानी बीमारी थी। कितनी कठिन लगती थी लेकिन हमें विरासत में मिली थी। हमारा दायित्व था कि कठिन से कठिन चीजों को सुलझाने का भरसक प्रयास करें। सबकुछ बहुत आराम से हुआ। सबकी धारणाएं चूर-चूर हो गईं। राम जन्मभूमि का इतना पुराना मामला, शांतिपूर्ण समाधान। भारत आजाद हुआ, विभाजन हुआ तबसे लेकर लाखों गरीब उसमें भी ज्यादा दलित हैं, वंचित हैं, शोषित हैं, अपना धर्म बचाने के लिए, अपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिए जो लोग पाकिस्तान से, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से भारत की शरण लेने के लिए मजबूर हो गए ऐसे शरणार्थियों को नागिरकता की गरिमा देने का रास्ता, ऐसी अनेक समस्याओं का हल इस देश के 130 करोड़ भारतीयों ने निकाला है।' '...अभी जो बाकी है, उनके समाधान के लिए' मोदी ने कहा, 'आत्मविश्वास से भरा हुआ हिंदुस्तान 2020 में प्रवेश कर रहा है। अभी भी जो बाकी है, उनके समाधान के लिए भी पूरे सामर्थ्य के लिए हर भारतवासी प्रयास कर रहा है। हम चुनौतियों को चुनौती देने के स्वभाव के साथ निकले हैं।' उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार के लिए सुशासन का अर्थ है- सुनवाई, सबकी हो। सुविधा, हर नागरिक तक पहुंचे। सुअवसर, हर भारतीय को मिले। सुरक्षा, हर देशवासी अनुभव करे और सुलभता, सरकार के हर तंत्र की सुनिश्चित हो।' अटल टनल और अटल जल योजना का जिक्र मोदी ने कहा, 'यहां आने से पूर्व मैं दिल्ली में अटल जल योजना का शुभारंभ कर रहा था। छह हजार करोड़ की इस योजना में उत्तर प्रदेश समेत देश के सात राज्यों में भूजल के स्तर को सुधारने के लिए काम किया जाएगा। इसके साथ ही आज हिमाचल को लद्दाख से जोड़ने वाली रोहतांग सुरंग का नाम अटल टनल के नाम पर किया गया है। यह भी संयोग है कि आज सुशासन दिवस के रूप में जब मना रहे हैं तब यूपी का शासन जिस भवन से चलता है वहां अटल जी की प्रतिमा का अनावरण किया गया है। उनकी यह भव्य प्रतिमा लोक भवन में कार्य करने वाले लोगों को सुशासन की, लोक सेवा की निरंतर प्रेरणा देती रहेगी।' 'अब लखनऊ को संवार रहे हैं राजनाथ सिंह' प्रधानमंत्री ने कहा, 'इसके अलावा अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया गया है, जो लखनऊ वर्षों तक अटल जी की कर्मभूमि रहा, संसदीय सीट रहा, वहां शिक्षा से जुड़े, स्वास्थ्य से जुड़े संस्थान का शिलान्यास करना, जिसको भी यह अवसर मिलेगा, उसे अपना सौभाग्य मानेगा। जब अटल जी यहां से सांसद थे तो उन्होंने यहां विकास की अनेक परियोजनाओं पर काम शुरू कराया था। रिंग रोड का काम हो, पुराने लखनऊ के ड्रेनेज सिस्टम का काम हो, बायोटेक पार्क हो, लखनऊ को नई पहचान देने वाले सैकड़ों काम अटल जी ने किए थे। अब सांसद के तौर पर राजनाथ सिंह जी इस विरासत को संभाल रहे हैं और संवार भी रहे हैं।' योगी सरकार की तरीफ' मोदी ने कहा, 'अटल जी कहते थे कि जीवन को टुकड़ों में नहीं देखा जा सकता है। उसको समग्रता में देखना, यह बात सरकार के लिए भी उतनी ही सत्य है और गुड गवर्नेंस के लिए भी यही उपयुक्त मानदंड है। सुशासन भी तभी तक संभव नहीं है जब तक हम समस्याओं को संपूर्णता में, समग्रता में न सोचेंगे, न उसे सुलझाने का प्रयास करेंगे। मुझे संतोष है कि योगी जी की सरकार भी समग्रता की इस सोच को साकार करने का भरसक प्रयास कर रही है। अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी इसी सोच को परिलक्षित करती है।'

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