नागरिकता संशोधन बिल: ओवैसी, अधीर और थरूर, अमित शाह ने की सबकी आपत्ति दूर

नई दिल्ली, 10 दिसंबर 2019,लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने एक-एक कर विपक्ष के नेताओं की आपत्तियों का जवाब दिया है. अमित शाह ने विपक्ष के नेताओं के सवालों और शंकाओं का जवाब देते हुए कहा कि ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 किसी धारा का उल्लंघन नहीं करता है. मनीष तिवारी के सवाल का जवाब कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने शरणार्थियों से जुड़ी किसी भी संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया है. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा था कि भारत ने रिफ्यूजियों से जुड़े यूएन कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किया है. अमित शाह ने कहा कि भारत ने किसी रिफ्यूजी पॉलिसी को स्वीकार नहीं किया है. बता दें कि मनीष तिवारी ने संसद में कहा था कि हमारा देश सेकुलर है, और ये बिल उस अवधारणा को तोड़ता है. उन्होंने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय नियम और संधि कहती है कि कोई भी शरणार्थी जो किसी भी धर्म से हो, उसे मदद देने से इनकार नहीं किया जा सकता है. मनीष तिवारी ने कहा कि जब भी कोई शरणार्थी भारत आता है, हमसे शरण मांगता है, तो हम मानवीय आधार पर उसे मदद देते हैं. अमित शाह ने कहा कि मनीष तिवारी ने एक शेर पढ़कर कहा कि लम्हों ने खता की, सदियों ने सजा पाई. लेकिन अब नरेंद्र मोदी पीएम हैं, लम्हों की खता की सजा सदियों तक नहीं मिलेगी. अमित शाह ने कहा कि जब जिन्ना ने दो राष्ट्र का सिद्धांत दिया तो कांग्रेस ने इसे क्यों स्वीकार किया. शशि थरूर को शाह का जवाब तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत को किसी रिफ्यूजी पॉलिसी की जरूरत नहीं है, और इस बात को राजनाथ सिंह पहले ही बता चुके हैं. भारत सरकार को ये तय करने का अधिकार है कि वो किसे शरण दें और किसे नहीं. शशि थरूर के लिए उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत में पारसियों के आगमन का अच्छा उदाहरण दिया, पारसी भारत में आए, दूध भरे ग्लास में पानी की तरह घुल गए, लेकिन यहां ये जानना जरूरी है कि ये पारसी भी भारत तब आए जब उन पर अपने मुल्क में अत्याचार हुआ. अधीर रंजन चौधरी को सांप्रदायिकता पर जवाब अमित शाह ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के सांप्रदायिकता के आरोपों का जवाब दिया. शाह ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस जैसी पार्टी नहीं देखी है. कांग्रेस एक ऐसी बिन-सांप्रदायिक पार्टी है, जिसका केरल में मुस्लिम-लीग पार्टनर है तो महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टनर है. उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी बिन-सांप्रदायिक पार्टी मेरे जीवन में नहीं देखी. अमित शाह ने कहा अधीर रंजन पूछ रहे हैं कि तीन ही देशों के लोगों को नागरिकता क्यों दी जा रही है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जब भी देश ने नागरिकता पर निर्णय लिया, एक निश्चित परिस्थिति के आधार पर निर्णय लिया. अमित शाह ने कि 31 जुलाई 1950 को भारत नेपाल के बीच हुए समझौते के बाद दोनों देश के नागरिक दूसरे देश में रह सकते हैं, संपत्ति खरीद कर सकते है और आज भी नेपाल के लोगों को ये अधिकार है. नेपाल के लोगों को भारत की नागरिकता लेने में कोई दिक्कत नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी के आरोपों का भी अमित शाह ने जवाब दिया. अमित शाह ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस बिल के जरिए एनआरसी का बैकग्राउंड तैयार किया जा रहा है. लेकिन इस चीज को लेकर हम बहुत स्पष्ट हैं, हमें कोई ग्राउंड तैयार करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस देश में NRC होकर रहेगा. अमित शाह ने कहा कि हमारा घोषणापत्र ही हमारा बैकग्राउंड है. गृह मंत्री ने कहा कि ओवैसी पूछते हैं कि मुसलमानों से नफरत क्यों हैं, हमें कोई नफरत नहीं है. अमित शाह ने ओवैसी को संबोधित करते हुए कहा, "जनाब मैं आपसे कहता हूं कृपया आप नफरत नहीं खड़ा करना, हमें कोई नफरत नहीं है." अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के आरोपों का गृह मंत्री ने जवाब दिया. अमित शाह ने कहा कि उन्होंने बहुत अच्छा बोला है. अमित शाह ने कहा कि अभिषेक बनर्जी ने रवीन्द्रनाथ टैगोर, बंकिम चंद्र चटर्जी और विवेकानंद का जिक्र किया. लेकिन मैं उनसे सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या इन तीनों ने ऐसे पश्चिम बंगाल की कल्पना की थी जहां दुर्गा पूजा मनाने के लिए कोर्ट जाने की जरूरत थी. अमित शाह के इस बयान पर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. अमित शाह ने कहा कि उन्होंने तो टीएमसी का नाम भी नहीं लिया फिर से हंगामा क्यों कर रहे हैं? अमित शाह ने कहा कि अभिषेक बनर्जी ने एनआरसी और नागरिकता बिल को ट्रैप कहा है, लेकिन ऐसा नही है. हालांकि टीएमसी को ये ट्रैप लग सकता है क्योंकि वे वोट बैंक की राजनीति करते हैं. सुप्रिया सुले गृह मंत्री अमित शाह ने एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले से कहा कि अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-371 दोनों अलग अलग चीज है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-371 अलग संविधान की व्यवस्था नहीं करता है. 371 अलग झंडा नहीं देता है, न ही ये अनुच्छेद अलग राज्य की मांग के लिए लोगों को उकसाता है. अमित शाह ने कहा कि वे पूरे सदन को आश्वस्त करना चाहते हैं कि केंद्र 371 को नहीं छुएगा. दयानिधि मारन डीएमके नेता दयानिधि मारन के सवालों पर गृह मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक की हमारी व्याख्या संकुचित नहीं है. उन्होंने कहा कि ये बिल भारत के अल्पसंख्यकों के लिए नहीं है, बल्कि पाकिस्तान-बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को लेकर है. ये सनातन सत्य है कि इन देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं है. उन्होंने कहा कि वहां के संविधान का प्रावधान ऐसा है कि उन तीनों देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं. इसलिए हम उनको स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

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