लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस के डेटा प्रमुख से शीर्ष नेतृत्व नाराज?

नई दिल्ली लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद से पार्टी संगठन को लेकर नई अटकलों का दौर जारी है। इस बीच ऐसी खबर आई है कि पार्टी नेतृत्व को गलत फीडबैक देने के कारण कांग्रेस डेटा प्रमुख की छुट्टी कर दी गई है। हालांकि, डेटा विश्लेषण विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने इन खबरों को सिरे से नकार दिया है। सोमवार को एक बयान जारी करते हुए उन्होंने इसे मीडिया की मनगढ़ंत कहानी बताया। चक्रवर्ती ने बयान जारी कर खबर को बताया झूठ डेटा चीफ की छुट्टी की खबरों पर चक्रवर्ती ने सोमवार को बयान जारी कर एक मीडिया समूह की रिपोर्ट को खारिज किया। उन्होंने कहा, 'उस कॉलम में लिखी गई हर लाइन पूरी तरह से सिर्फ झूठ पर आधारित है। ऐसी ही कुछ और खबरें खोजी रिपोर्ट के नाम पर प्रकाशित की गईं, सब सिर्फ झूठ... भारतीय पत्रकारिता के पतन की अंतिम सीमा।' डेटा विभाग के फीडबैक से हाईकमान नाराज कांग्रेस डेटा चीफ की इस सख्त प्रतिक्रिया के बाद भी पार्टी के अंदरखाने से ऐसी खबरें हैं कि डेटा विभाग के दिए फीडबैक से हाई कमान बेहद नाराज है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि डेटा विभाग ने नियमित तौर पर गुप्त तरीके से किए जाने वाले पोल के आधार पर पूरी तरह से गलत फीडबैक दिया। डेटा विभाग जनता की नब्ज पकड़ने में नाकाम रहे। पुलवामा अटैक के बाद जनता की भावना समझने में नाकाम रही टीम कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पुलवामा अटैक के बाद चुनाव बहुत मुश्किल हो गया था। सरकार ने बालाकोट एयर स्ट्राइक की जिसके दम पर बीजेपी राष्ट्रवाद की भावना के नाम पर लोगों को प्रभावित करने में कामयाब रही। इस परिवर्तन के बाद जनता के बीच नरेंद्र मोदी को लेकर संशय की स्थिति कम हो गई और हमारे मुद्दों को लेकर ज्यादा सवाल पूछे जाने लगे। चौकीदार चोर है नारे का उल्टा प्रभाव, डेटा आयोग को मान रहे जिम्मेदार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के डेटा विभाग ने अध्यक्ष राहुल गांधी तक यह सूचना ही दी कि बालाकोट एयर स्ट्राइक का कोई प्रभाव जनता के मन में नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष को डेटा विभाग ने यह भी यकीन दिलाया कि जनता के मन में राफेल सौदे में हुई घपलेबाजी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसी फीडबैक के आधार पर राहुल गांधी ने अपने भाषणों में 'चौकीदार चोर है' का नारा और बुलंद आवाज में दिया। कांग्रेस से जुड़े लोगों का कहना है कि यह सच है कि डेटा विभाग को लेकर नाराजगी है, लेकिन शीर्ष नेतृत्व के फैसलों और चुनाव पर भी सवाल दबे लहजे में उठ रहे हैं। कुछ वरिष्ठ नेता शुरू से ही कर रहे थे चक्रवर्ती का विरोध सूत्रों का कहना है कि एक वरिष्ठ नेता ने मीटिंग में खुले तौर पर चक्रवर्ती के पोल और नतीजों पर नाराजगी जताई थी और कहा कि यह यकीन करने लायक नहीं हैं। इसके साथ ही बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने और कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाने के लिए शुरू किया गया शक्ति प्लेटफॉर्म भी पूरी तरह नाकाम रहा। पार्टी के कुछ वरिष्ठों का कहना है कि घर-घर जाकर लोगों को कांग्रेस से जोड़ने के लिए काम नहीं हुए। कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ अपने गहरे ताल्लुक जोड़ने के लिए चक्रवर्ती ने कई पुराने भरोसेमंद लोगों को किनारे लगाने का काम किया।

Top News