taaja khabar..CJI को वकीलों का पत्र, मोदी बोले-धमकाना कांग्रेस की संस्कृति:600 वकीलों ने चीफ जस्टिस से कहा- न्यायपालिका खतरे में है, दबाव से बचाना होगा ..अरविंद केजरीवाल की बढ़ी ED रिमांड, कोर्ट में सीएम ने खुद दी दलीलें..लोकसभा चुनाव लड़ेंगे फिल्म स्टार गोविंदा? एकनाथ शिंदे की शिवसेना में हुए शामिल..केजरीवाल को CM पद से हटाने वाली याचिका खारिज, जानें दिल्ली HC ने क्या कहा..प्रकाश आंबेडकर ने संजय राउत पर बोला हमला, बोले- 'आपने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया'..रक्षामंत्री बोले- सरकार अग्निवीर योजना में बदलाव को तैयार:सेना को युवाओं की जरूरत; कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया, कहा- ये यूथ से धोखा..

वैक्सीन की उपलब्धता भी नहीं रोक पाती दूसरी लहर, जानें कैसे रोकी जा सकती है महामारी की थर्ड वेव

नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर खूब राजनीति हुई और अभी भी जारी है। कोरोना की दूसरी लहर को भी वैक्सीन की कमी से जोड़ दिया गया। जबकि सच्चाई यह है कि दूसरी लहर को रोक पाना संभव ही नहीं था। वैश्विक स्तर पर कोई भी देश दूसरी लहर नहीं रोक पाया। हां तीसरी लहर और कहीं कहीं चौथी लहर जरूर नियंत्रित की जा सकी है। अब जबकि देश के बड़े हिस्से में कोरोना थोड़ा नियंत्रित है तो सवाल यह है कि क्या नवंबर तक संभावित तीसरी लहर से बचने को केंद्र और राज्य तैयार हैं। फ‍िर संकट की आशंका किल्लत के बीच भी जिस तरह कुछ राज्यों में वैक्सीन की बर्बादी हो रही है और कार्यक्रम सुस्त है उससे आशंका बढ़ सकती है। नेशनल टेक्नीकल ग्रुप आन इम्यूनाइजेशन (एनटागी) के प्रमुख डा एनके अरोड़ा दैनिक जागरण के सवालों के जवाब में कहते हैं कि दूसरी लहर को वैक्सीन से नहीं जोड़ा जा सकता। हम तब दूसरी लहर को रोक पाते अगर फरवरी तक हमारे पास 60-65 करोड़ डोज होते। लेकिन उस वक्त पूरी दुनिया में इतने डोज नहीं थे। दुनिया का कोई भी देश दूसरी लहर नहीं रोक पाया। तभी रोकी जा सकती है तीसरी लहर वैक्सीन पर गठित टास्क फोर्स के डाक्टर वीके पाल से का जवाब भी कुछ ऐसा ही था। उन्होंने कहा कि भारत ने जनवरी में वैक्सीन के उपयोग का लाइसेंस दिया। 16 जनवरी से अभियान की शुरू हुआ। हर्ड इम्यूनिटी तब संभव थी जब मार्च तक 50-55 करोड़ लोगों को दोनों डोज मिल जाते। अमेरिका और ब्रिटेन से लें सबक बताने की जरूरत नहीं कि अमेरिका ने मध्य दिसंबर के बीच वैक्सीनेशन कार्यक्रम तब शुरू किया जब वह तीसरी लहर से जूझ रहा था। तब तक उसके करीब पांच लाख लोग कोरोना से जान गंवा चुके थे। इंगलैंड जनवरी 2021 से शुरूआत कर अब तक लगभग दो करोड़ लोगों को दोनों डोज दे चुका है। इन दो करोड़ के साथ वह अपनी लगभग 37 फीसदी आबादी का पूर्ण वैक्सीनेशन कर चुका है। भारत में महज तीन फीसद टीकाकरण भारत ने 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू कर अब तक 20 करोड़ लोगों को टीका लगाया है। 4.35 करोड़ लोगों को दोनों डोज के साथ महज तीन फीसद लोगों का पूर्ण वैक्सीनेशन हो पाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को दूसरी लहर की बहस से आगे जाकर तीसरी लहर के बारे में विचार करना चाहिए। केंद्र से लेकर राज्यों तक की यह कोशिश हो कि सितंबर-अक्टूबर तक कम से कम 60-65 फीसद आबादी को टीका लग जाए। जन जागरण पर देना होगा जोर केंद्र की ओर से दावा किया जा रहा है कि जुलाई तक वैक्सीन की कोई कमी नहीं होगी। ऐसे में केंद्र और राज्यों को तब तक अपना लॉजिस्टिक ढांचा दुरुस्त करना होगा। अभी उत्पादन स्थल से सुदूर इलाकों तक वैक्सीन पहुंचने में औसतन दस दिन लग जाते हैं। वहीं राज्यों को वैक्सीन सेंटर, मेडिकल स्टाफ, कोल्डचेन के पुख्ता इंतजाम के साथ साथ जन जागरण पर जोर देना होगा। रोजाना 60-70 लाख लोगों को लगे वैक्‍सीन विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता के साथ हमारा लक्ष्य कुछ ऐसा हो कि देश में रोजाना 60-70 लाख लोगों को टीका लगे। यह संख्या फिलहाल 15 लाख तक सिमटी है। अगर जुलाई से इसे सुनिश्चित किया जाए तभी सितंबर के अंत तक 60-65 फीसद आबादी का वैक्सीनेशन हो पाएगा।

Top News