इस्तीफे के फैसले पर राहुल गांधी अडिग, लेकिन अकबर रोड पर कार्यकर्ताओं की भीड़ गायब

नई दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने इस्तीफे के फैसले पर अड़े हुए हैं और पार्टी के अंदर इसको लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है। हालांकि, इस बार राहुल को मनाने का काम पार्टी नेता ही कर रहे हैं। अकबर रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं की भीड़ और भावुक होने के नजारे नजर नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए राहुल को समझाने का काम वरिष्ठ नेता लगातार कर रहे हैं। इस बार सड़कों पर नजर नहीं आ रहे कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का 'ऑर्केस्ट्रा' उस वक्त देखने लायक था जब सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। अभी एनसीपी प्रमुख शरद यादव ने उस वक्त सोनिया के विदेशी मूल का मुद्दा उठाया था। इसी तरह 2004 में जब सोनिया ने पीएम पद ठुकराया था, उस वक्त भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बड़ी भीड़ उन्हें मनाने के लिए सड़कों पर नजर आई थी। हालांकि, इस बार भी टीवी चैनलों और मीडिया का पूरा फोकस राहुल गांधी पर है, लेकिन कार्यकर्ताओं की भावुक भीड़ सीन से कहीं गायब है। मीडिया में बार-बार कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की और दोनों से गांधी परिवार के बाहर किसी अध्यक्ष को तलाशने की बात कही। पटेल ने ट्वीट कर मुलाकात को बताया सामान्य मीडिया में आ रही खबरों को देखते हुए अहमद पटेल को ट्वीट कर स्पष्टीकरण देना पड़ा। सोमवार को उन्होंने ट्वीट किया, 'कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले ही मैंने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के लिए टाइम लिया था। यह मुलाकात सामान्य प्रशासकीय कार्यों से जुड़ी थी और आज की मुलाकात में भी उसी पर चर्चा हुई है। इसके अलावा जो भी अनुमान लगाए जा रहे हैं सब गलत और आधारहीन हैं।' गहलोत और अमरिंदर सिंह भी दिल्ली में ही मौजूद सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को यकीन है कि वह राहुल गांधी को मना लेंगे। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस्तीफे को सर्वसम्मति से नामंजूर किए जाने के बाद कांग्रेस के पुराने नेताओं ने राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा भरोसा दिखाने की बात कही। कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के स्थान पर अध्यक्ष पद के लिए कोई और विकल्प नहीं है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और अशोक गहलोत भी सोमवार को दिल्ली में ही थे। लोकसभा में कांग्रेस नेता के पद के लिए मना रहे राहुल को सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को लोकसभा में कांग्रेस नेता का पद लेने के लिए मना रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की कोशिश है कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटते हैं तो उन्हें सामने से नेतृत्व के लिए कांग्रेस नेता का पद लेना चाहिए। एक कांग्रेस नेता ने कहा कि अब यह परिवार को फैसला करना है कि तीनों गांधी में से कौन किस पद पर रहने के लिए अपनी सहमति देगा। 20 साल पुराना इतिहास फिर से दोहराया जा रहा? 20 साल पहले कांग्रेस कार्यसमिति का नजारा एक बार फिर से दोहराया जा रहा है। 1998 में कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सीताराम केसरी को जबरन पद से हटाकर सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था। उस वक्त पार्टी नेताओं का कहना था कि कांग्रेस पार्टी को ठीक से चला सकने की क्षमता किसी गांधी परिवार के सदस्य में ही है। एक बार फिर जब कांग्रेस अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है तो भी कांग्रेस के पुराने वफादार राहुल गांधी को ही पद पर बनाए रखने के लिए दबाव बना रहे हैं।

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