नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के लिए सातों चरणों की वोटिंग पूरी हो चुकी है। अब सबकी निगाहें 23 मई को होने वाली मतगणना पर टिकी हुई हैं। पश्चिम बंगाल में मुख्य मुकाबला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बीजेपी और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के बीच है। टाइम्स नाउ और वीएमआर (VMR) के एग्जिट पोल्स के मुताबिक, यहां पर बीजेपी को 12 सीटों का फायदा मिलने की उम्मीद है, ऐसे में पार्टी के पास कुल 14 सीटें हो जाती हैं। उधर, यूपीए को दो और अन्य को 25 सीटें मिल सकती हैं।
पश्चिम बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों पर हुए मुकाबले में वर्ष 2014 में कांग्रेस को 4 सीटें मिली थीं, बीजेपी के हिस्से में 2 सीटें आई थीं और तृणमूल कांग्रेस को 34 सीटें मिली थीं। यहां लेफ्ट फ्रंट को 2 सीटें हासिल हुई थीं। टाइम्स नाउ और वीएमआर सर्वे के मुताबिक, 2019 में यूपीए को दो सीटों का नुकसान हो सकता है, ऐसे में उसे सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिलने की उम्मीद है। वहीं, बीजेपी को इस बार 12 सीटों का फायदा हो सकता है, जिससे बीजेपी पश्चिम बंगाल में 14 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। तृणमूल कांग्रेस के साथ अन्य के 25 सीटों पर सिमटने की संभावना है।
एग्जिट पोल्स के मुताबिक ऐसा है वोट शेयर
पिछली बार के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014 में कांग्रेस को 9.6 फीसदी वोट मिले थे। बीजेपी को 16.8 फीसदी मत मिले थे और तृणमूल कांग्रेस ने 39.4 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। यहां लेफ्ट फ्रंट के खाते में 29.6 प्रतिशत वोट गए थे और अन्य के खाते में 4.6 फीसदी वोट गए थे। एग्जिट पोल्स के अनुसार, 2019 में कांग्रेस को 8.8 फीसदी वोट मिल सकते हैं जबकि बीजेपी को 31.86 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है। तृणमूल कांग्रेस को 0.3 फीसदी वोट के नुकसान के साथ 39.1 फीसदी मत मिलने की संभावना है। लेफ्ट फ्रंट को इस बार 13.7 फीसदी वोटों की कटौती के साथ 15.9 फीसदी मत मिलने की उम्मीद है। उधर, अन्य को 0.26 फीसदी वोटों के नुकसान के साथ 4.34 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है।
बीजेपी+ कांग्रेस+ अन्य
टाइम्स नाउ- VMR 14 2 25
ABP न्यूज - नीलसन 16 2 24
आजतक- AXIS 19-23 0-01 19-22
सी वोटर 11 2 29
टुडेज चाणक्य 18 1 23
पश्चिम बंगाल में हर चरण में दिखी हिंसा
लोकसभा सीटों के लिहाज से यूपी और महाराष्ट्र के बाद तीसरे सबसे बड़े सूबे पश्चिम बंगाल में सभी 7 चरणों में चुनाव हुए। यहां टीएमसी और बीजेपी के बीच बहुत ही तीखे चुनावी हमले हुए। पश्चिम बंगाल में तकरीबन हर चरण में हिंसा देखने को मिली। आखिरी चरण से पहले कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा, पत्थरबाजी और आगजनी के बाद चुनाव आयोग ने पूर्व निर्धारित समय से एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार खत्म करने का आदेश दिया। चुनाव आयोग का ऐसा निर्णय अभूतपूर्व था। अब तक ऐसा किसी भी राज्य में नहीं हुआ था। यूपी, बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल तीसरा ऐसा राज्य था जहां सभी 7 चरणों में वोटिंग हुई। 42 लोकसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में पहले चरण में 2, दूसरे चरण में 3, तीसरे चरण में 5, चौथे चरण में 8, पांचवे चरण में 7, छठे चरण में 8 और सातवें चरण में 9 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई।
कैसा था पिछली बार प्रदर्शन?
बात अगर पिछले प्रदर्शन की करें तो 2014 में टीएमसी ने सूबे की कुल 42 सीटों में से 34 पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस के खाते में 4, सीपीएम को 2 और बीजेपी को भी 2 सीटों पर कामयाबी मिली थी। पिछले पंचायत चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने वाली बीजेपी की बढ़ती ताकत से निपटने के लिए ममता बनर्जी ने इस बार सभी 42 सीटों पर जीत का नारा दिया था। दूसरी तरफ, बीजेपी भी ममता के गढ़ में सेंध के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।