जानें, 'दिल्ली-7' के शो में क्यों कांग्रेस और 'आप' भारी पड़ती दिख रही है बीजेपी

राजधानी दिल्ली में आम चुनाव के छठे चरण में रविवार को मतदान हो रहा है। भले ही कई महीनों तक आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली में गठबंधन को लेकर चर्चाएं रही हों, लेकिन अंत में दोनों दल अलग-अलग उतरे हैं और राजधानी का मुकाबला हर सीट पर एक तरह से त्रिकोणीय हो गया है। दिल्ली से बाहर आम आदमी पार्टी ने पंजाब के अलावा किसी विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। सूबे की 122 सीटों में से 2017 में उसने 20 सीटों पर जीत हासिल की थी। इससे पहले पंजाब में ही उसने 2014 के आम चुनाव में 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी के चलते शायद आम आदमी पार्टी ने अपनी ताकत का ऐहसास कराते हुए कांग्रेस से कहा कि वह उसके साथ पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में गठजोड़ कर चुनाव लड़े। हालांकि तमाम चर्चाओं के बाद भी नामांकन से ऐन पहले दोनों दलों ने दिल्ली में भी अकेले ही मैदान में उतरने का फैसला लिया। ऐसे लोगों की कमी नहीं थी, जिनका यह कहना था कि 'आप' ने कांग्रेस के करप्शन के खिलाफ जंग लड़कर ही जगह बनाई और उसके साथ दोस्ती नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि दोनों दलों के बीच सीट-शेयरिंग को लेकर जो लंबी बातचीत चली, उसका मकसद साझा ताकत से बीजेपी को हराना ही थी। 2014 में दोनों के वोट शेयर को देखें तो यह बात सही भी लगती है। तब बीजेपी को 48.3 पर्सेंट वोट मिले थे, जबकि आम आम पार्टी को 33.1 पर्सेंट और कांग्रेस को 15.2 पर्सेंट वोट मिले थे। राजनीतिक विश्लेषक अरविंद दुबे कहते हैं, 'निश्चित तौर पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ मिलकर बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन सकते थे, लेकिन अब सीधे तौर पर भगवा दल फायदे में दिख रहा है।' एयरस्ट्राइक के बाद से बढ़त में दिख रही है बीजेपी इसके अलावा बीजेपी को सबसे बड़ा फायदा पीएम मोदी की एक बार फिर से वापसी की अपील का मिलता दिख रहा है। आप और कांग्रेस दोनों ही कड़ी टक्कर देने की कोशिश में हैं, लेकिन बालाकोट एयरस्ट्राइक और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों के चलते बीजेपी फायदे में दिख रही है। इसके अलावा अपनी वेलफेयर स्कीमों के चलते बीजेपी दोनों दलों के मुकाबले बढ़त लेती दिख रही है। आम चुनाव में AAP के मुकाबले बीजेपी और कांग्रेस को तवज्जो वोटर्स का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है, जो मानता है कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय स्तर नेतृत्व के सवाल का है और इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस ज्यादा अहम हैं। यह भी एक बड़ी वजह है कि पीएम मोदी बढ़त लेते दिख रहे हैं।

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