नई दिल्ली, 09 मई 2019, विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दे से शुरू हुई लोकसभा चुनाव की जंग अब निजी हमलों पर आकर टिक गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर हमला बोलना शुरू किया तो कांग्रेस ने भी आक्रामक होकर बीजेपी पर पलटवार करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर पीएम के बयान की आलोचना की और कहा कि बीजेपी के समर्थन वाली वीपी सिंह सरकार ने ही राजीव गांधी को अतिरिक्त सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था.
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने लिखा कि एक शहीद प्रधानमंत्री को गाली देना कायरता की निशानी है. लेकिन राजीव गांधी की हत्या के लिए आखिर ज़िम्मेदार कौन है?
उन्होंने लिखा कि राजीव गांधी के खिलाफ कई इनपुट होने के बावजूद भी बीजेपी के समर्थन वाली वीपी सिंह की सरकार ने उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा नहीं दी थी. राजीव गांधी ने अपनी जिंदगी इसी नफरत के कारण गंवा दी. दुख की बात ये है कि इन बेबुनियाद आरोपों का जवाब देने के लिए आज वह हमारे बीच नहीं हैं.
अबकी बार राजीव गांधी पर वार...
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी नंबर 1 कहा था और उसके बाद INS विराट का निजी इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. जिसके बाद से ही लोकसभा चुनाव की जंग में राजीव गांधी अहम मुद्दा बन गए हैं.
पीएम मोदी ने तो कांग्रेस को दिल्ली और पंजाब का चुनाव राजीव गांधी के सम्मान के मुद्दे पर लड़ने की चुनौती दी थी. लेकिन जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को प्यार से हराने की बात कही तो वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्हें नोटबंदी के मुद्दे पर छठे और सातवें चरण का चुनाव लड़ने की बात कही.
कैसे हुई थी राजीव गांधी की मौत?
आपको बता दें कि राजीव गांधी की हत्या एक बम धमाके में की गई थी. तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदुर में 21 मई, 1991 को आम चुनाव के प्रचार के दौरान एलटीटीई के एक आत्मघाती हमलावर ने उनकी हत्या कर दी थी.
राजीव गांधी जब साल 1991 में चुनाव प्रचार के दौरान श्रीपेरुमबुदुर पहुंचे तो वहां पर रैली से पहले एक आत्मघाती हमले में उनकी हत्या कर दी गई. धनु नाम की महिला हमलावर ने राजीव गांधी के पैर छूने के बाद खुद को बम से उड़ा लिया था. इस हमले में राजीव गांधी के अलावा 14 और लोगों की जान चली गई थी.