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INS विराट को बना दिया टैक्सी, जानिए राजीव गांधी की किस छुट्टी की बात कर रहे हैं मोदी

नई दिल्ली, 08 मई 2019,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के रामलीला मैदान से एक बार फिर गांधी परिवार पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने गांधी परिवार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि 1987 में राजीव गांधी जिस समय प्रधानमंत्री थे, उस समय वे 10 दिन की छुट्टी मनाने के लिए एक खास द्वीप पर गए थे. पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने छुट्टी मनाने के लिए युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल किया था. पीएम मोदी ने उस द्वीप का नाम नहीं बताया, लेकिन इंडिया टुडे ने 31 जनवरी 1988 को गांधी परिवार की उस ‘छुट्टी’ का पूरा ब्यौरा बता दिया था. अनीता प्रताप ने अपनी रिपोर्ट में सिलसिलेवार तरीके से उस पिकनिक की कई बातें लिखी थीं. कैसा है वो द्वीप, जहां गांधी फैमिली ने बिताई छुट्टी तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1987 में नए साल का जश्न मनाने के लिए अपने पूरे परिवार और खास मित्रों के साथ एक बेहद खूबसूरत द्वीप गए थे. राजीव गांधी के मित्रों में अमिताभ बच्चन और उनका परिवार भी शामिल था.पहले इस द्वीप के बारे में जान लीजिए. दक्षिण भारत में कोचीन से 465 किलोमीटर पश्चिम की ओर लक्षद्वीप के पास स्थित एक बेहद खूबसूरत आईलैंड है, जिसका नाम बंगाराम है. यह पूरा द्वीप निर्जन है. 0.5 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में फैले इस द्वीप का चयन भी सोच-समझकर किया गया था. यहां विदेशी नागरिकों के आने पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है. लक्षद्वीप के तत्कालीन पुलिस चीफ पीएन अग्रवाल का कहना था कि ये बंगाराम द्वीप बेहद सुरक्षित और दुनिया से एक तरह से कटा हुआ इलाका है. इस इलाके की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यह बेहद सुरक्षित है. मीडिया से छिपाने की भरसक कोशिश, फिर भी भनक लग गई गांधी परिवार के इस नितांत गोपनीय दौरे को मीडिया से छिपाने की भरसक कोशिश की गई थी. फिर भी मीडिया को 26 को ही इसकी भनक लग गई, जब राहुल गांधी ने अपने चार दोस्तों के साथ लक्षद्वीप प्रशासन के नारंगी और सफेद रंग के एक हेलिकॉप्टर से उड़ान भरी थी. छुट्टी पर अलग-अलग कई समूहों में लोग इस द्वीप पर पहुंचे थे, जिनमें राहुल गांधी का ग्रुप पहला था. सरकार ने उस समय राजीव गांधी के इस दौरे को पूरी तरह छिपाने की कोशिश की थी. मीडिया को इससे दूर रखने की नाकाम कोशिश की गई थी. सरकार ने इस राजीव गांधी की छुट्टी की प्राइवेसी को पूरी तरह बनाए रखने के लिए समुद्री और हवाई दोनों ही मार्गों से निगरानी की थी. बच्चन फैमिली समेत कौन-कौन था आलीशान पार्टी में शामिल लेकिन इस छुट्टी में जो लोग शामिल थे, वे सभी खुद इतने हाईप्रोफाइल थे कि यह खबर दब न सकी. राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गांधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, सोनिया की मां आर माइनो, उनके भाई और मामा शामिल थे. ये तो थे गांधी परिवार के रिश्तेदार. इस दौरे में राजीव गांधी के बेहद खास दोस्त अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया बच्चन और 3 बच्चे शामिल थे. तीन बच्चों में अमिताभ के भाई अजिताभ की बेटी भी शामिल थीं, अजिताभ खुद फॉरेन एक्सचेंज रेग्यूलेशन एक्ट (FERA) का उल्लंघन करने के मामले में फंसे थे. इसके अलावा एक और परिवार इस टूर में शामिल था, जिनका नाम बिजेंद्र सिंह था. बिजेंद्र सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण सिंह के भाई थे. इसके अलावा दो विदेशी मेहमान भी इस आलीशान पार्टी में शामिल थे. 30 दिसंबर को पहुंचे थे राजीव और सोनिया गांधी राजीव और सोनिया 30 दिसंबर की दोपहर में ही इस खूबसूरत द्वीप पर छुट्टी मनाने पहुंच गए थे, जबकि अमिताभ बच्चन एक दिन के बाद यहां कोचीन-कावारत्ती हेलिकॉप्टर से पहुंचे थे. जया बच्चन चार दिन पहले प्रियंका और अपने बच्चों के साथ पहुंची थीं. ईंधन भराने के लिए दूसरे द्वीप पर उतरा था अमिताभ का हेलिकॉप्टर बंगाराम द्वीप पर अमिताभ बच्चन के आने की खबर को भी छिपाने की कोशिश की गई थी. लेकिन 31 दिसंबर को बंगाराम से कुछ दूरी पर स्थित एक अन्य आईलैंड कावारत्ती पर अमिताभ के हेलिकॉप्टर को ईंधन भराने के लिए उतरना पड़ा. इसमें 50 मिनट लगे. इसके बाद ये बात जगजाहिर हो गई. छुट्टियां मनाकर वापस लौटते वक्त अमिताभ बच्चन को इंडियन एक्सप्रेस के फोटोग्राफर ने कैप्चर कर लिया. इस पर अमिताभ नाराज हो गए. उन्होंने फोटोग्राफर को चेतावनी भी दी, लेकिन फोटोग्राफर तब तक अपना काम कर चुका था. अमिताभ के भाई की चल रही थी FERA में जांच राजीव गांधी का यह टूर अपने इटली के रिश्तेदारों और बच्चन परिवार की मौजूदगी के चलते खासी सुर्खियों में रहा था. राजीव की मुश्किलें इसलिए और बढ़ गई थीं क्योंकि FERA की जांच के दायरे में आए अमिताभ बच्चन के भाई अजिताभ की बेटी भी इस छुट्टी में घुमने गई. उस समय विपक्ष का सवाल था कि ऐसा करके राजीव गांधी उन अधिकारियों को क्या संदेश देना चाह रहे थे जो अमिताभ के भाई अजिताभ बच्चन की स्विट्जरलैंड की संपत्ति की जांच कर रहे थे. स्वीमिंग, सनबाथ से लेकर फिशिंग तक, हर सुविधा मौजूद लेकिन इस पूरे आलीशान सप्ताह के दौरान आलोचनाओं को अनसुना कर दिया गया. छुट्टी मना रहे सभी लोग इसे पूरी तरह एंजॉय कर रहे थे. स्वीमिंग, सनबाथ से लेकर फिशिंग तक, सभी इस शानदार द्वीप पर अपना पूरा समय बेहद इत्मिनान के साथ और लुत्फ उठाते हुए बिता रहे थे. पिकनिक मनाने के लिए पास ही मौजूद दो और द्वीप थिन्नकारा और पारिल में भी ये लोग गए थे. राजीव, राहुल और प्रियंका जहां बेहद साफ नीले पानी का आनंद उठा रहे थे, वहीं सोनिया गांधी अस्थमा के डर से अपनी मां और जया बच्चन के साथ नारियल के पेड़ की छांव में बातें करती थीं. 1985 में भी आए थे राजीव गांधी बच्चों की पार्टी का बिल 18 हजार राजीव ने चुकाया था लक्षद्वीप के प्रशासक वजाहत हबीबुल्लाह जो कि उस समय राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री सचिवालय में थे, उन्होंने बताया कि राजीव गांधी को यहां बहुत अच्छा लगा था. पिछले सितंबर में भी राहुल और प्रियंका अपने चार दोस्तों के साथ लक्षद्वीप में छुट्टियां बिताईं थीं. राजीव गांधी ने बाद में उनके 18 हजार रुपये के बिल का भुगतान किया था. गांधी फैमिली का कुक गया था लक्षद्वीप प्रशासन की ओर से सभी के लिए खाने का इंतजाम किया गया था. बंगाराम द्वीप पर दो रसोइयों समेत पांच लोग रुके थे. गांधी परिवार के खाने की पसंद का ख्याल रखने के लिए दिल्ली से उनका पर्सनल कुक भी गया था, जो दिशा-निर्देश दे रहा था. दिल्ली से गई थी शराब, पास के द्वीप से आया था चिकन इतना ही नहीं, नई दिल्ली से शराब भी ले जाई गई थी. पास में मौजूद एक अन्य द्वीप में 100 चिकन की भी व्यवस्था की गई थी. इसके अलावा लक्षद्वीप से ताजे फल जिनमें पपीता, सपोता, केले और अमरूद भेजे गए थे. कावारत्ती से 100 ब्रेड और बटर मंगाए गए थे. इसके अलावा कोचीन से कैडबरी की चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स की 40 क्रेट, मिनरल वाटर की 300 बोतल, अमूल चीज, काजू, 20 किलो आटा, 105 किलो चावल और कुछ ताजी सब्जियां मंगाई गई थीं. इन सामानों की पहली खेप 23 दिसंबर को, दूसरी खेप तीन दिन के बाद और फिर 1 जनवरी को कुछ सामान भेजा गया. खेल अधिकारियों के मुताबिक प्रशासन को सभी बिलों का भुगतान करने को कह दिया गया था, ताकि बाद में राजीव गांधी पैसा दे सकें. लक्षद्वीप के कलेक्टर केके शर्मा के मुताबिक उन्होंने वीआईपी हॉलीडे के लिए कोई खास इंतजाम नहीं किया था. वहीं हबीबुल्लाह भी कह चुके थे कि उनकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री को बंगाराम द्वीप तक पहुंचाने भर की थी. उसके बाद वे वहां स्वच्छंद रहना चाहते थे. 10 दिन अरब सागर में खड़ा रहा INS विराट इस दौरान भारत के प्रमुख युद्धपोत INS विराट के गांधी परिवार को ले जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने की खबरें रहीं, जिस पर सवाल उठे. INS विराट को पूरे 10 दिनों के लिए अरब सागर में तैनात किया गया. कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने राजीव गांधी की छुट्टियों में नौसेना के इस्तेमाल करने पर सवाल भी उठाया था. बताया जाता है कि पूरी छुट्टियों के दौरान अगत्ती में स्पेशल सेटेलाइट का सेटअप भी लगाया गया था. लक्षद्वीप के पर्यटन को मिला फायदा लक्षद्वीप के सांसद पीएम सईद ने तब कहा था कि इस हॉलीडे का लक्षद्वीप को बहुत फायदा होगा, जो कि पूरे भारत में संदरतम स्थानों में से एक है. गांधी परिवार की छुट्टी के बाद फौरन इसका असर भी दिखाई दिया. 8 जनवरी को इस पर्यटन स्थल के बारे में आमदिनों के मुकाबले पांच गुना ज्यादा पूछताछ की गई. सबसे पहले प्रियंका और आखिरी में गईं थीं सोनिया 6 जनवरी को गांधी परिवार की यह आलीशान छुट्टी खत्म हुई थी. वहां से रवाना होने वाली मेहमानों की पहली खेप में प्रियंका थीं, जो अपने दोस्तों के साथ गोवा चली गईं. उसके बाद विदेशी मेहमान रवाना हुए और फिर अमिताभ बच्चन और उनका परिवार रवाना हुआ. उसी दिन राजीव गांधी राहुल के साथ नेवी के हेलिकॉप्टर से एमिनी आइलैंड गए, जहां उनका नए साल 1988 में पहला आधिकारिक कार्यक्रम होने वाला था. राहुल गांधी को INS विराट में ही छोड़ दिया गया था, ताकि वे बाद में राजीव के साथ मंगलौर जा सकें. बंगाराम द्वीप से सबसे अंत में निकलने वालों में सोनिया गांधी और उनके रिश्तेदार थे.

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