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राफेल डील / पुनर्विचार और राहुल के खिलाफ अवमानना याचिकाओं पर 10 मई को एकसाथ सुनवाई होगी

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राफेल डील मामले में सुनवाई 10 मई तक स्थगित कर दी। तीन जजों की बेंच ने कहा कि राफेल डील पर 14 दिसंबर 2018 को दिए फैसले पर पुनर्विचार याचिकाओं और इसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर 10 मई को एकसाथ सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके. कौल और जस्टिस केएम. जोसेफ की बेंच ने कहा यह मामले एक-दूसरे से जुड़े हैं। इनकी सुनवाई के लिए लिस्टिंग अलग-अलग कैसे हो सकती है। बेंच ने कहा- जब हमने पहले ही साफ कर दिया था कि इन दोनों मामलों की सुनवाई साथ की जाएगी, फिर इन दोनों को अलग-अलग तारीख क्यों दी गईं। इसको लेकर हम असमंजस में हैं। राहुल ने कहा था- कोर्ट ने माना चौकीदार चोर है हाल ही में शीर्ष अदालत राफेल डील के लीक दस्तावेजों को सबूत मानकर मामले की दोबारा सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी। इस पर राहुल ने कहा था कि कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार ने ही चोरी की है। अवमानना याचिका भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 के फैसले में राफेल डील को तय प्रक्रिया के तहत होना बताया था। अदालत ने उस वक्त डील को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने डील के दस्तावेजों के आधार पर इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाएं दायर की थीं। इनमें कुछ गोपनीय दस्तावेजों की फोटो कॉपी लगाई गई थीं। इस पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने केंद्र की ओर से आपत्ति दर्ज कराई थी थी। उन्होंने कहा था कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के तहत विशेषाधिकार वाले गोपनीय दस्तावेजों की प्रतियों को पुनर्विचार याचिका का आधार नहीं बनाया जा सकता। शीर्ष अदालत ने उनकी यह दलील खारिज कर दी थी।

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