पश्चिम बंगाल में खिलेगा कमल? लेफ्ट-कांग्रेस 'मुरझाए', तृणमूल को कड़ी टक्कर दे रही BJP

कोलकाता इस समय अगर आप पश्चिम बंगाल आएं तो यहां लगभग हर जगह बीजेपी का भगवा झंडा लहराते जरूर पाएंगे। यह अहम इसलिए भी है कि अधिक दिन नहीं बीते जब सूबे में बहुत मुश्किल से ऐसा देखने को मिलता था। लगभग हर लोकसभा क्षेत्र में अब बीजेपी का लहराता झंडा खुद ही काफी कुछ कह जाता है, तब जबकि इस प्रदेश में मोदी लहर के बावजूद 2014 में बीजेपी सिर्फ 2 सीट जीत पाने में सफल रही थी। लोकसभा चुनावों के बीच पश्चिम बंगाल में निश्चित रूप से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के झंडे अधिक दिखते हैं लेकिन सूबे में लंबे समय तक सत्तारूढ़ लेफ्ट और केंद्र में मुख्य विपक्ष कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी यहां कहीं अधिक मजबूत दिख रही है। यह साफ संकेत है कि इस बार बीजेपी इस लड़ाई में पूरी ताकत से मैदान में है और सत्तारूढ़ टीएमसी को अच्छी टक्कर दे रही है। बीजेपी नेतृत्व दावा कर रहा है कि उनका मकसद लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा क्षेत्रों में कम से कम 20 पर जीत सुनिश्चित करना है। सूबे में चुनावी माहौल में लेफ्ट और कांग्रेस की सुस्ती को भुनाने के साथ ही बीजेपी तृणमूल के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का भी फायदा उठाना चाहती है। स्थानीय स्तर पर मजबूत नेता की कमी पश्चिम बंगाल में इस बार चुनाव में बीजेपी मजबूत स्थिति में जरूर दिख रही है लेकिन उसके सामने भी एक दिक्कत है। दिक्कत यह है कि राज्य के स्तर पर पार्टी के पास कोई जमीनी और लोकप्रिय प्रत्याशी या नेता नहीं है। यहां तक कि यहां पार्टी के लिए चुनाव प्रबंधन देख रही टीम भी यहां के लोकसभा क्षेत्रों और पार्टी प्रत्याशियों से अभी पूरी तरह परिचित नहीं दिखती है। हालांकि अंतिम समय में बीजेपी ने यहां चुनावी मैदान में फतह के लिए आरएसएस के वरिष्ठ नेता सुनील देवधर को पूरी जिम्मेदारी सौंप दी है। यह वही देवधर हैं, जिन्होंने त्रिपुरा में बीजेपी को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई थी। पूरी ताकत झोंक रही है बीजेपी पश्चिम बंगाल में स्थिति यह है कि सत्तारूढ़ तृणमूल के भी कई नेता यह मान रहे हैं कि भगवा पार्टी सूबे में दूसरे नंबर पर रहेगी। हालांकि एक स्थिति यह भी है कि लेफ्ट के लंबे शासनकाल के समय कांग्रेस के पास भी इस राज्य में अच्छा-खासा जनाधार रहा है। पर, लेफ्ट की दीवार गिराकर ममता बनर्जी यहां सत्ता में आईं और अब बीजेपी इस लोकसभा चुनाव के साथ आगे विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी ताकत झोंकने में जुटी दिख रही है। 10 सीटों पर बीजेपी- तृणमूल में टक्कर पश्चिम बंगाल में 10 सीटों पर बीजेपी और तृणमूल के बीच सीधी टक्कर बताई जा रही है। हालांकि उत्तर और मध्य बंगाल में चतुष्कोणीय मुकाबले की संभावना है। हालांकि यहां बीजेपी सत्ता विरोधी लहर का फायदा लेने की तरफ देख रही है। वहीं दक्षिण बंगाल को तृणमूल का गढ़ माना जाता है, वहां लड़ाई सीधे तृणमूल बनाम बीजेपी है। विधानसभा के लिए भी जमीन तैयार कर रही बीजेपी 2014 में बीजेपी यहां 42 में सिर्फ दो सीट दार्जिलिंग और आसनसोल को जीतने में कामयाब रही थी। हालांकि 2011 के चुनाव के मुकाबले बीजेपी का वोट प्रतिशत जरूर 4 फीसदी से बढ़कर 17 फीसदी तक पहुंच गया था। फिलहाल बीजेपी का ध्यान उन सूबों में विस्तार पर है, जहां वह अन्य पार्टियों के मुकाबले नई है। यही वजह है कि पश्चिम बंगाल के साथ-साथ बीजेपी ओडिशा पर भी काफी फोकस कर रही है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी लोकसभा के साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी जमीन तैयार कर रही है।

Top News