श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में शुक्रवार को सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में आतंकवादियों के पोस्टर बॉय बुरहान वानी के ब्रिगेड कमांडर लतीफ अहमद डार उर्फ लतीफ टाइगर को मार गिराया गया। लतीफ के साथ आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के दो और आतंकवादी मारे गए हैं। लतीफ की मौत के साथ ही घाटी से बुरहान गैंग का खात्मा हो गया है।
इमाम साहिब गांव में शुक्रवार सुबह सुरक्षा बलों ने गुप्त सूचना के आधार पर इलाके को घेर लिया। इसी दौरान वहां छिपे हिज्बुल आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। दोनों तरफ से गोलीबारी में हिज्बुल के तीन आतंकी ढेर हो गए। मारे गए गए आतंकवादियों की पहचान हिज्बुल कमांडर लतीफ अहमद डार उर्फ लतीफ टाइगर, तारिक मौलवी और शरिक अहमद नेंगरु के रूप में हुई है।
इन आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुआ है। लतीफ पुलवामा का रहने वाला है, वहीं तारिक तथा शरिक अहमद नेंगरु शोपियां के रहने वाले हैं। लतीफ वर्ष 2014 से आतंकी गतिविधियों में लिप्त था। बता दें कि वर्ष 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर और आतंक के नए पोस्टर ब्वॉय बने बुरहान वानी की 10 अन्य आतंकियों के साथ तस्वीर सामने आने के बाद सनसनी फैल गई थी।
मुठभेड़ में गया था बुरहान वानी
बाद में सुरक्षा बलों ने 8 जुलाई, 2016 को एक मुठभेड़ में बुरहान वानी को मार गिराया था। बुरहान के मारे जाने के बाद घाटी में काफी तनाव फैल गया था। तब से लेकर अब तक सैंकड़ों लोग इस हिंसा में मारे गए हैं। हिज्बुल के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी रहे बुरहान वानी को लेकर घाटी में दो नजरिए हैं। सोशल मीडिया पर घाटी के युवाओं में काफी फेमस बुरहान वानी कौन था, तो दो जवाब मिलते थे। कुछ महीनों पहले तक स्थानीय लोगों से पूछने पर वे उसे 'भारतीय एजेंट' बुलाते थे। जबकि सुरक्षा एजेंसियों के लिए वह मीडिया का बनाया हुआ कागजी शेर था।
पुलवामा के त्राल इलाके में जन्मा बुरहान 15 साल में ही आतंकवादी बन गया था और 22 साल की उम्र में वह एनकाउंटर में मारा गया। बुरहान के एनकाउंटर से पहले जैश संगठन घाटी में समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया था। लेकिन पिछले करीब तीन सालों में आतंकी संगठन जैश फिर से घाटी में 'जिंदा' हो गया। जैश-ए-मोहम्मद का मकसद कश्मीर में सैकड़ों बुरहान वानी तैयार करना है।