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कैसे कहें हिंदू हिंसक नहीं होता, रामायण-महाभारत में भी हुई थी लड़ाई: येचुरी

नई दिल्ली, 03 मई 2019, लोकसभा चुनाव का पांचवां चरण आते-आते बयानों की बौछार बढ़ती जा रही है. चुनाव आयोग कई बयानों पर एक्शन ले चुका है लेकिन नेता हैं कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. ताजा बयान सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का आया है, जिसमें उन्होंने सवाल किया है कि क्या हिंदू हिंसक नहीं है का दावा सही है? एक बयान में सीताराम येचुरी ने कहा कि रामायण और महाभारत भी लड़ाई और हिंसा से भरी हुई थीं, लेकिन एक प्रचारक के तौर आप सिर्फ महाकाव्य के तौर पर उसे बताते हैं, उसके बाद भी दावा करते हैं कि हिंदू हिंसक नहीं है. येचुरी बोले कि ऐसे में किसी एक धर्म को हिंसा से जोड़ने का क्या तर्क है और हम हिंदुओं को नहीं. गौरतलब है कि इस चुनाव प्रचार में हिंदू और हिंदुत्व से जुड़े कई ऐसे बयान हैं, जो चर्चा में बने हैं या जिनको लेकर विवाद भी होता रहा है. हिंदू मुद्दे पर जारी है विवाद इस विवाद से पहले जब भारतीय जनता पार्टी ने मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से अपना प्रत्याशी बनाया, तब हिंदू आतंकवाद की थ्योरी पर जमकर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी कई मौकों पर कहा कि कांग्रेस जिस हिंदू आतंकवाद के नाम पर हिंदुओं को बदनाम करती रही है, साध्वी प्रज्ञा उसी के खिलाफ हमारा जवाब है. मुस्लिम वोटों के लिए भी मची थी रार सिर्फ हिंदू शब्द ही नहीं बल्कि मुस्लिम वोटों के लिए भी इस चुनाव में विवाद हुआ था. बसपा प्रमुख मायावती ने देवबंद की एक रैली में मुस्लिम मतदाताओं से अपील की थी कि वह एकजुट होकर महागठबंधन के लिए मतदान करें. जिसे चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना था और उनपर 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाई थी. मायावती के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू ने भी एक सभा में कुछ इसी तरह मुस्लिम मतदाताओं से वोट मांगे थे.

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