अमेरिका ने पाकिस्तानी आर्मी को दी नसीहत, कहा- सही फैसला लें

02 मई 2019,अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN) में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तानी आर्मी को लेकर नसीहत देने वाली टिप्पणी की है. अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सही बातें कर रहे हैं. वह देश में कुछ बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके सैन्य नेतृत्व को भी सही निर्णय लेने और सही कदम उठाने की जरूरत है. अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से बुधवार को बताया कि अमेरिका आतंकवादी समूहों को सहयोग देने की पाकिस्तान की नीति को बदलने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 18 महीने पहले पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता में कटौती करने का आदेश दिया था. अधिकारी ने उल्लेख किया कि अमेरिका पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के आईएसआई से संबंध को जानता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका देश की आंतरिक राजनीति में शामिल नहीं होना चाहता और उम्मीद करता है कि पाकिस्तानी सेना हालात में सुधार करेगी. अधिकारी ने कहा, हम असैन्य सरकार का समर्थन करते हैं. हम वहां शुरू हो रही लोकतांत्रिक प्रणाली का समर्थन करते हैं. हम इस तथ्य का समर्थन करते हैं कि (पाकिस्तान के) प्रधानमंत्री (इमरान) खान सही बातें कहते हैं और पाकिस्तान में कुछ बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह समय ही बताएगा कि वह इसमें सफल होंगे या नहीं. अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व को भी सही निर्णय लेने और सही कदम उठाने की आवश्यकता है. अधिकारी ने कहा, प्रधानमंत्री खान जिस दिशा में जाते दिख रहे हैं, सेना अभी तक उस ओर समर्थन देते दिख रही है. उन्होंने कहा, हम सराहना करते हैं कि पाकिस्तान सही बातें कह रहा है, उसने वे शुरुआती कदम उठाए हैं, जो हम चाहते हैं लेकिन हम अभी कुछ नहीं कहना चाहते क्योंकि हमने उन्हें पहले भी पलटते देखा है. अमेरिकी अफसर ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का जिक्र करते हुए कहा, मुझे लगता है कि उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाना महत्वपूर्ण था ताकि पाकिस्तान को यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति सील करने और अन्य कदमों जैसी उसकी प्रतिबद्धताओं के लिए जवाबदेह ठहराया जा सके. उन्होंने कहा कि अब वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए जवाबदेह हैं. यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा या नहीं लेकिन हम आशावादी बने हुए हैं.

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