मसूद अजहर के बाद अब पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराने की तैयारी में भारत

नई दिल्ली जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने के बाद भारत अब पाकिस्तान को घेरने के लिए नए प्लान पर काम कर रहा है। गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग ऐंड टेरर फाइनैंस वॉचडॉग से पाकिस्तान को उन ब्लैकलिस्ट देशों की सूची में डालने के लिए कहेगा, जो वित्तीय अपराध रोकने में अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं कर पाते हैं। आपको बता दें कि फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पहले ही पाकिस्तान को अपनी 'ग्रे लिस्ट' में रखा है। इस लिस्ट में उन देशों को रखा जाता है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाते हैं। भारत के प्लान के बारे में पाकिस्तान को भी आभास हो चुका है, यही वजह है कि पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले महीने कहा था, 'लेकिन भारत चाहता है कि पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया जाए, जिसके बाद प्रतिबंध लग सकते हैं।' जेटली ने पत्रकारों से कहा, 'हम चाहते हैं कि पाकिस्तान FATF लिस्ट में नीचे हो।' उन्होंने आगे बताया कि पैरिस स्थित FATF की बैठक अगले कुछ दिनों बाद होनी है और भारत तब इसको लेकर अनुरोध करेगा। जेटली की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब एक दिन पहले ही भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली और पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति ने ब्लैकलिस्ट कर दिया। आपको बता दें कि मसूद के आतंकी संगठन ने ही फरवरी में पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसी देश जंग के मुहाने पर पहुंच गए थे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2001 में ही जैश-ए-मोहम्मद को ब्लैकलिस्ट कर दिया था लेकिन पाकिस्तान के सहयोगी चीन के लगातार विरोध के कारण अजहर को प्रतिबंधित नहीं किया जा सका था। पाकिस्तान में अजहर को मिली खुली छूट के कारण वह दुनियाभर में आतंकवाद के जनक के तौर पर बदनाम हो चुका है। भारत ने साफ कहा है कि पाकिस्तान अपनी विदेश नीति के अजेंडे के तौर पर आतंकियों को संरक्षण देता है। आतंकियों के मुद्दे पर पश्चिमी देश भी पाकिस्तान से नाराज हैं। जेटली ने गुरुवार को कहा, 'प्रमुख मुद्दा यह है कि उसे (मसूद अजहर) एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया गया है। उसे और उसके देश को अब इसके नतीजे भुगतने होंगे।'

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