चीफ जस्टिस गोगोई को PM को खत, SC जजों की संख्या बढ़ाएं और हाई कोर्ट जजों की रिटायरमेंट आयु

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में लंबित पड़े 43 लाख केसों के निपटारे के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जजों की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया है। चीफ जस्टिस ने पीएम मोदी को दो पत्र लिखकर दो संवैधानिक संशोधन करने का आग्रह किया है। पहला, सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जजों की संख्या में इजाफा करना और दूसरा हाई कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट आयु को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करना। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम संख्या 31 हो सकती है। यही नहीं सीजेआई रंजन गोगोई ने एक और पत्र लिखकर पीएम मोदी से मांग की है कि एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के रिटायर जजों की नियुक्ति का प्रावधान किया जाए। इससे लंबे समय से पेंडिंग केसों का निपटारा हो सकेगा। सीजेआई ने कहा कि एक दशक से ज्यादा वक्त के बाद सुप्रीम कोर्ट में 31 जजों का कोरम पूरा हुआ है। फिलहाल शीर्ष अदालत में 58,669 केस लंबित हैं। यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि बड़ी संख्या में नए मामले दर्ज हो रहे हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि 26 ऐसे मामले हैं, जो बीते 25 सालों से लंबित हैं। 100 ऐसे केस हैं, जो 20 वर्षों से पेंडिंग हैं। 15 सालों से 593 केस पेंडिंग हैं और 10 सालों से 4,977 केस शीर्ष अदालत में हैं। उन्होंने कहा कि जजों की संख्या कम होने के चलते सीजेआई को संवैधानिक बेंच का गठन करने में समस्या आती है, जिसके जरिए कई अहम मसलों की सुनवाई की जा सकती है। चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा, 'आपको देखना होगा कि 1988 में जजों की संख्या को 18 से बढ़ाकर 26 किया गया था और फिर तीन दशक बाद 2009 में यह संख्या 31 की गई। अब केसों के अनुपात में जजों की भी संख्या होनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 2007 में 41,078 केस पेंडिंग थे, लेकिन अब यह आंकड़ा 58,669 तक पहुंच गया है।

Top News