मोबाइल फोन चलाने वाले युवाओं के सिर पर निकल रहे सींग, ये है रिसर्च

मोबाइल आज हमारी जिंदगी का एक ऐसा हिस्सा बन गया है जिसके बिना जीना कठिन लगता है. अब तो जैसे सारी दुनिया मोबाइल में समा गई है. घर बैठे खाना ऑर्डर करने से लेकर दूर परदेस में बैठे अपनों से बात करने तक ये मददगार है. लेकिन ये रिसर्च तो कुछ और ही कह रही है. इस रिसर्च के अनुसार मोबाइल इस्तेमाल करने वाले युवाओं के सिर के स्कैन तो अलग की कहानी कह रहे हैं. इन सिरों में अब सींग उगने लगे हैं. यानी मोबाइल अब कंकाल स्तर पर बदलाव कर रहा है. ये नई रिसर्च Bio machenics (जैव यांत्रिकी) पर की गई है जिसमें ये सामने आया है कि जो युवा सिर को ज्यादा झुकाकर मोबाइल यूज कर रहे हैं, उनकी खोपड़ी में सींगें विकसित हो रही हैं. इस रिसर्च में 18 से 30 साल के ऐसे युवाओं को शामिल किया गया जो मोबाइल पर कई घंटे बिताते हैं. ऑस्ट्रेलिया के क्‍वींसलैंड स्थित सनशाइन कोस्ट यूनिवर्सिटी में हुई इस रिसर्च में इसे विस्तृत तरीके से समझाया गया है. इसमें कहा गया है कि रीढ़ की हड्डी से शरीर का वजन शिफ्ट होकर सिर के पीछे की मांसपेशियों तक जाता है. इससे कनेक्टिंग टेंडन और लिगामेंट्स में हड्डी विकसित होती है. इसी का रिजल्ट है कि युवाओं में हुक या सींग की तरह की हड्डियां बढ़ रही हैं, जो गर्दन के ठीक ऊपर की तरह खोपड़ी से बाहर निकली हुई है. 'वॉशिंगटन टाइम्स' की न्यूज रिपोर्ट में उस स्कैन्ड चित्र को भी दिखाया गया है जिसमें खोपड़ी के निचले हिस्से में ये कांटेदार सींगनुमा हड्डी दिख रही है. डॉक्टरों का कहना है कि इंसान की खोपड़ी का वजन करीब साढ़े चार किलो होता है. डॉक्टरों ने रिसर्च में पाया कि मोबाइल चलाते वक्त लोग अपने सिर को आगे पीछे की तरफ हिलाया करते हैं. ऐसे में गर्दन के निचले हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव आने लगता है. यही वजह है कि कुछ दिनों बाद इसी कारण हड्डियां बाहर की तरफ निकल जाती हैं. सिर पर ज्यादा दबाव पड़ने के चलत ये सींग जैसी दिखने वाली हड्डियां निकल रही हैं. महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा प्रभावित इस रिसर्च में शामिल शोधकर्ताओं का पहला पेपर जर्नल ऑफ एनाटॉमी में साल 2016 में प्रकाशित हुआ था. इस पेपर में 18 से 30 साल वाले 216 लोगों के एक्स-रे को शामिल किया गया था. रिसर्च में कहा गया कि 41 फीसदी युवा वयस्कों के सिर की हड्डी में वृद्धि देखी जा सकती है. ये पहले के अनुमान में ज्यादा थी और साथ ही पुरुष इससे ज्यादा प्रभावित थे. दूसरे डिवाइस भी खतरनाक सिर्फ मोबाइल ही नहीं शोधकर्ता मानत हैं कि स्मार्टफोन की ही तरह के दूसरे डिवाइस भी इसी तरह का असर दे रहे हैं. ये मानव स्वरूप को बदल रहे हैं. शोधकर्ताओं का दावा है कि टेक्‍नोलॉजी का मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का यह अपने तरह का पहला रिसर्च है. बच्चे भी हो रहे शिकार फिर साल 2018 में दूसरे पेपर में चार टीनएजर्स की केस स्टडी को सामने रखा गया था जिनके सिर पर सींग आई थीं. शोधकर्ताओं ने दावा किया कि इन बच्चों के सिर पर जो सींगें आईं हैं वे गर्दन के दबाव के कारण हैं. इन्हें शोधकर्ताओं ने आनुवांशिक मानने से इंकार कर दिया. इससे पहले प्रकाशित की गई शोध रिपोर्ट में 18 साल से लेकर 86 वर्ष तक के 1200 लोगों के एक्‍स-रे को शामिल किया गया जिसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि 33 फीसदी लोगों में सींग जैसी हड्डी के विकसित हो गई थी. इसलिए मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं तो जरूरी है कि इसे समय और जरूरत के हिसाब से ही इस्तेमाल करें.

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