पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध का एक महीना, भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की मीटिंग के लिए मंच तैयार

नई दिल्ली पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद पर बातचीत भारत-चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत का मंच तैयार हो चुका है। लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह शनिवार को अपने चीनी मेजर जनरल लियु लिन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक महीने से जारी गतिरोध के खात्मे का रास्ता ढूंढेंगे। लोकल कमांडर, डेलिगेशन लेवल और हाईएस्ट कमांडर स्तर की कम-से-कम 12 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान पर नहीं पहुंचा जा सका है। अजेंडा में सैनिकों को पीछे करना शामिल सूत्रों के मुताबिक इस तरह की मीटिंग से पहले लिखित में अजेंडा शेयर किया जाता है। मीटिंग में इसी अजेंडे पर बात होती है और इसके अलावा भी अगर कोई पक्ष किसी और मसले को उठाना चाहे तो वह बात कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को होने वाली इस मीटिंग में गलवान एरिया, पैंगोग त्सो और गोगरा एरिया पर बात होगी। सबसे अहम मुद्दा पैंगोग त्सो का रहेगा जहां चीनी सैनिक फिंगर-4 तक आ गए हैं जबकि दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक ग्रे जोन (जहां भारत और चीन, दोनों दावा करते हैं) में सैनिक गश्त तो कर सकते हैं, लेकिन वहां कोई ढांचा खड़ा नहीं कर सकते हैं और न ही वहां डेरा डाल सकते हैं। चीन ने अग्रीमेंट का उल्लंघन करते हुए वहां बड़ी संख्या में सैनिक तैनात कर दिए हैं। उनका मकसद भारतीय सैनिकों को इससे आगे गश्त करने से रोकना है जबकि भारतीय सैनिक शुरू से ही फिंगर-8 तक गश्त करते रहे हैं। सूत्रों की मानें तो भारत की तरफ से चीन को साफ तौर पर बता दिया गया है कि गलवान में पहले कभी विवाद नहीं रहा। भारत और चीन ने पूरी एलएसी में जो 23 विवादित और संवेदनशील बिंदुओं को चिन्हित किया है उनमें गलवान नहीं है। मॉलडो बीपीएम पॉइंट पर होगी मीटिंग शनिवार की मीटिंग लद्दाख में चीन की तरफ मॉलडो बीपीएम (बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग) पॉइंट पर होगी। यह भारत के चुशूल पॉइंट के सामने है। दोनों देशों के बीच ग्राउंड लेवल पर विवाद वहीं पर सुलझा कर आगे बढ़ने के लिए बीपीएम का पहला पॉइंट 1990 में बना था। अब पूरी एलएसी पर बीपीएम के पांच पॉइंट्स हैं। 2 बीपीएम पॉइंट लद्दाख में, एक सिक्किम में और दो अरुणाचल प्रदेश में। एक बीपीएम पॉइंट उत्तराखंड के लिपुलेख में खोलने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है। भारत चीन के बीच इन सभी पॉइंट्स पर साल में चार बार सेरेमोनियल बीपीएम भी होती है। दो बार इंडियन साइड और दो बार चीन की तरफ। इन मीटिंग में दोनों देशों के फौजी अफसर किसी अजेंडे पर बात तो करते हैं लेकिन ज्यादा फोकस दोस्ती बढ़ाने पर होता है। सेरेमोनियल बीपीएम के अलावा जब भी कभी जरूरत पड़े तो किसी भी अजेंडे पर बात करने के लिए मीटिंग बुलाई जा सकती है। लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे भारतीय टीम की अगुवाई इस मीटिंग में भारतीय सेना की 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भारतीय टीम की अगुवाई करेंगे। 14वीं कोर को फायर एंड फ्यूरी कोर भी कहा जाता है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह काउंटर इंसरजेंसी के एक्सपर्ट हैं और उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में 14वीं कोर की कमान संभाली। इससे पहले वह डीजी मिलिट्री इंटेलिजेंस, डीजी मिलिट्री ऑपरेशंस जैसे अहम पदों में भी रह चुके हैं। वहीं, चीन का प्रतिनिधित्व करने वाले मेजर जनरल लियु लिन साउथ शिनजियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर हैं।

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