नई दिल्ली, 07 मई 2020,दुनिया में जारी कोरोना वायरस के कहर के खिलाफ फ्रंटफुट पर लड़ाई लड़ रहे कोरोना वॉरियर्स का आज दुनिया सम्मान कर रही है. इसी के तहत आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर एक वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें दुनिया के कई बड़े नेता शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया. पीएम बोले कि भगवान बुद्ध ने दुनिया को सेवा करने का संदेश दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार परिस्थितियां अलग हैं, दुनिया मुश्किल वक्त से गुजर रही है. आपके बीच आना मेरे लिए सौभाग्य होता, लेकिन मौजूदा स्थिति इसकी इजाजत नहीं देती है. भारत आज बुद्ध के कदमों पर चलकर हर किसी की मदद कर रहा है, फिर चाहे वो देश में हो या फिर विदेश में, इस दौरान लाभ-हानि को नहीं देखा जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत बिना स्वार्थ के साथ इस वक्त दुनिया के साथ खड़ा है, हमें अपने साथ-साथ अपने परिवार, आसपास की सुरक्षा करनी होगी. संकट के समय में हर किसी की मदद करना ही सबका धर्म है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा काम निरंतर सेवा भाव से होना चाहिए, दूसरे के लिए करुणा-सेवा रखना जरूरी है.
इस मुश्किल परिस्थिति में
आप अपना,
अपने परिवार का,
जिस भी देश में आप हैं,
वहां का ध्यान रखें,
अपनी रक्षा करें और
यथा-संभव दूसरों की भी मदद करें: PM @narendramodi
समाज बदल चुका है, लेकिन बुद्ध का संदेश नहीं
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं, वह हर किसी को मानवता के तहत मदद करने का संदेश देते हैं. आज समाज की व्यवस्था बदल चुकी हैं, लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश वही है और हमारे जीवन में उसका एक विशेष स्थान रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के अलग-अलग हिस्सों में, दुनिया में अपनी-अपनी तरह से लोगों की सेवा कर रहा है. फिर चाहे सड़क पर लोगों को कानून का शासन करवाना हो या बीमार का इलाज करना हो, हर कोई अपनी ओर से सेवा कर रहा है. आज दुनिया उथलपुथल है, ऐसे वक्त में बुद्ध की सीख जरूरी है.
कार्यक्रम के तहत कोरोना वायरस से पीड़ित, कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया. कार्यक्रम में दुनियाभर के कई बौद्ध नेता शामिल होंगे, जो कि कोरोना वायरस के खिलाफ जारी इस जंग में अपनी ओर से राय रखेंगे.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए इस साल सावधानी बरती जा रही है. इस बार सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए बुद्ध पूर्णिमा समारोह वर्चुअल स्तर पर आयोजित किया जाएगा.
यह आयोजन कोविड-19 के पीड़ितों और फंट्रलाइन वारियर्स, जैसे मेडिकल स्टाफ, डॉक्टर और पुलिसकर्मी तथा अन्य के सम्मान में आयोजित किया जा रहा है. दरअसल, वेसाक बुद्ध पूर्णिमा को तिहरे धन्य दिवस यानी तथागत गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में माना जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में वर्चुअली शामिल हो चुके हैं, जहां पर कोरोना वायरस को लेकर चर्चा हुई है और आगे की रणनीति बनाई गई है. बीते दिनों प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा था कि दुनिया अभी कोरोना वायरस से जूझ रही है, लेकिन इस बीच भी कई लोग आतंक और फेक़ न्यूज़ का वायरस चलाने में लगे हुए हैं.