उइगरों को किस तरह प्रताड़ित करता है चीन, सार्वजनिक हुए सरकारी दस्तावेजों से हैरतअंगेज खुलासे

शिनजियांग खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय संघ (इंटरनैशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स यानी ICIJ) के हाथ लगे और गार्डियन एवं अन्य अखबारों में प्रकाशित चीन के सरकारी दस्तावेज से उइगर मुसलमानों पर चीन के अत्याचार के हैरतअंगेज खुलासे हो रहे हैं। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि चीन शिनजियांग स्थित तथाकथित 'व्यावसायिक प्रशीक्षण केंद्रों' में उइगरों की ब्रेनवॉशिंग के लिए किस तरह के दांव-पेच का इस्तेमाल करता है। उइगर तुर्क भाषा बोलने वाला जानजातीय समूह है जिसमें ज्यादातर मुस्लिम हैं। वे चीन के उत्तर पश्चिमी इलाके शिनजियांग में रहते हैं। संयुक्तर राष्ट्र का कहना है कि चीन ने करीब 5 लाख उइगरों को डिटेंशन कैंपों में डाल रखा है। लिक्ड डॉक्युमेंट्स में 2017 का वह आदेश या 'टेलीग्राम' भी है जिस पर शिनजियांग के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी और कम्यूनिस्ट पार्टी प्रमुख के दस्तखत हैं। इसमें बताया गया है कि डिटेंशन कैंप्स का निर्माण और संचालन किस तरह से किया जाए। इसमें जो निर्देश दिए गए हैं, वे हैं- 1. हिरासत में लिए गए उइगरों, जिसे चीन 'विद्यार्थी' कहता है, को अपने परिवार को हफ्ते में एक फोन कॉल और महीने में एक विडियो कॉल करने की इजाजत दी जाए। अधिकारी चाहें तो इन पर भी रोक लग सकती है। 2. हिरासत केंद्रों से कोई किसी भी तरह भाग नहीं सके, यह सुनिश्चित करना शीर्ष प्राथमिकता है। उइगरों पर चौबीसों घंटे कैमरे से निगरानी रखी जाए। ऐसा कोई कोना नहीं हो जहां कैमरे नहीं लगे हों। 3. चीन की भाषा मैंडरिन सीखना अनिवार्य है। निर्देशों में कहा गया है कि कट्टरता से दूर हटाने के लिए दैनिक जीवन में मैंडरीन का इस्तेमाल शीर्ष प्राथमिकता हो। 4. हिरासत में लिए गए उइगरों को कैंप में कम-से-कम एक वर्ष जरूर रखा जाए। एक वर्ष बाद उनकी रिहाई कब होगी, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उन्होंने कितने नंबर लाए हैं और विचारधारा के स्तर पर उनमें कितना बदलाव आया है। रिहाई के बाद उन्हें कौशल आधारित प्रशीक्षण दिया जाए। ताजा लीक्ड डॉक्युमेंट्स से पता चलता है कि चीन हिरासत में लिए गए उइगरों के रिश्तेदारों और खासकर उनके बच्चों को किस तरह प्रताड़ित करता है। न्यू यॉर्क टाइम्स में प्रकाशित पहले के दस्तावेजों के मुताबिक, चीन के अधिकारी हिरासत में लिए गए उइगरों के रिश्तेदारों को बताते हैं कि वो 'स्कूल में' हैं और वो स्कूल में कितने दिन तक रहेंगे यह अपने घरों में रह रहे परिजनों, रिश्तेदारों के व्यवहार पर भी निर्भर करता है। बहरहाल, हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र समर्थक समूह ने 452 में 347 सीटें जीत ली हैं। उनका 18 में से 17 जिला परिषदों पर नियंत्रण है। ये सभी परिषदें पहले सरकार समर्थकों के नियंत्रण में थीं।

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