ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ने कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की, भारत ने की कड़ी आलोचना

लंदन ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ने कश्मीर पर बुधवार को एक विवादित 'आपातकालीन प्रस्ताव' पारित किया। भारत ने इसकी कड़ी आलोचना की और लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने लेबर पार्टी के प्रतिनिधियों के साथ होने वाला सालाना समारोह रद्द कर दिया। प्रस्ताव में कहा गया है कि कश्मीर को संयुक्तर राष्ट्र प्रस्तावों के तहत आत्मनिर्णय का अधिकार मिलना चाहिए। इसने लेबर पार्टी के लीडर जेरेमी कोर्बिन से कहा कि वो कश्मीरियों के साथ खड़े हों। ब्रिटिश भारतीय समुदाय ने भी इस प्रस्ताव के खिलाफ गहरा रोष प्रकट किया। भारत ने की कड़ी आलोचना विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करने वाली ब्रिटेन की लेबर पार्टी के प्रस्ताव की आलोचना करते हुए लेबर पार्टी के कदम को 'वोट बैंक हितों को साधने' वाला बताया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर लेबर पार्टी या उसके प्रतिनिधियों से बातचीत करने का कोई सवाल नहीं है। कश्मीर पर ब्रिटिश सरकार के आधिकारिक रुख के विपरीत विपक्ष ने यह प्रस्ताव पेश किया है। ब्रिटिश सरकार का रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। भारतीय उच्चायोग ने रद्द किया सालाना कार्यक्रम लेबर पार्टी में जैसे ही इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई, वहां स्थित भारतीय उच्चायोग ने 'लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया' के नाम से पार्टी के सदस्यों के साथ होने वाला वार्षिक समारोह कैंसल कर दिया। एक वरिष्ठ राजनयिक ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'हमने इसे रद्द कर दिया। इसका कारण वह प्रस्ताव है।' इस प्रस्ताव के खिलाफ ब्रिटेन में बसे भारतीयों में भी उबाल है। ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (ओएफबीजेपी) यूके के प्रेजिडेंट कुलदीप सिंह शेखावत ने कहा, 'इस प्रस्ताव के कारण ब्रिटेन का पूरा भारतीय समुदाय अगले चुनाव में लेबर पार्टी का समर्थन नहीं करेगा।' ब्रिटिश भारतीय समुदाय में उबाल लेबर पार्टी के खिलाफ ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के लोगों में गुस्सा पहले से ही है। लेबर पार्टी नेता जर्मी कोर्बिन ने 11 अगस्त को ट्वीट कर कहा था, 'कश्मीर के हालात बिल्कुल गंभीर हैं। वहां मानवाधिकार का हो रहा उल्लंघन अस्वीकार्य है।' उससे पहले लेबर पार्टी के सांसदों ने 15 अगस्त को लंदन स्थित इंडिया हाउस के सामने विरोध-प्रदर्शन का समर्थन किया था ओर उस दौरान भाषण भी दिए थे। वह प्रदर्शन हिंसक हो गया था। वहीं, लेबर पार्टी के साथ भारतीय समुदाय के रिश्तों की देखरेख करने वाले प्लैटफॉर्म लेबर्स इंडियन कम्यूनिटी इंगेजमेंट फोरम के पूर्व चेयरमैन मनोज लाडवा ने पारित हुए प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लेबर पार्टी को 'वामपंथी कट्टरपंथियों और जिहादी समर्थकों को हाइजैक कर लिया है।' पाकिस्तानी मूल की ब्रिटिश नागरिक ने लाया था प्रस्ताव पाकिस्तानी मूल की ब्रिटिश नागरिक उजमा रसूल ने कश्मीर का यह प्रस्ताव रखा। उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को 'पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर' बतलाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में 72 वर्षों से मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है, आर्मी अत्याचार कर रही है और लोग पेलेट गन से घायल हो रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'हमें भारत को तुरंत आग्रह करना चाहिए कि वह कश्मीर में मानवाधिकार पर काम करने वाली संस्थाओं को प्रवेश की अनुमति दे ताकि वह वहां की स्थिति जान सकें और लोगों की मदद कर सकें।' रसूल ने इसे बड़ा संकट बताते हुए कहा, 'हम लंबे समय से कहते आए हैं कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है, लेकिन कश्मीर के लोगों को दखल की दरकार है।

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