पाकिस्तान के लाहौर से थे जेटली के दादाजी, विभाजन के बाद आए थे भारत

नई दिल्ली, 24 अगस्त 2019, देश के पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का निधन हो गया है. वो काफी वक्त से बीमार थे और दिल्ली के एम्स में भर्ती थे. अरुण जेटली का परिवार आजादी के बाद हुए बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आया था. साल 1947 से पहले अरुण जेटली का परिवार लाहौर में था. उनके दादाजी विभाजन के बाद भारत आए थे. साल 1947 से पहले उनका परिवार लाहौर में रहता था, लेकिन विभाजन के बाद परिवार दिल्ली कूच कर गया था. अरुण जेटली का परिवार दिल्ली आने के बाद नारायण विहार में रहने लगा. अरुण जेटली के पिता महाराज किशन जेटली भी पेशे से वकील थे. वो भी दिल्ली में वकालत करते थे. अपने पिता के ही नक्शेकदम पर चलकर अरुण जेटली भी वकील बनें. अरुण जेटली ने नई दिल्ली सेंट जेवियर्स स्कूल से 1957-69 तक पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया. डीयू से 1977 में वकालत की डिग्री हासिल की. अरुण जेटली ने अपनी पढ़ाई के दौरान अकादमिक में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए भी जाने जाते रहे. उन्हें कई अवॉर्ड्स से भी नवाजा गया. छात्र जीवन में ही अरुण जेटली का राजनीति में खास रुझान था. दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही अरुण जेटली 1974 में डीयू स्टूडेंट यूनियन (DUSU) अध्यक्ष बन गए थे. वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े थे. 1974 में स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बनें. इसके बाद अरुण जेटली 1980 में भाजपा में शामिल हुए. अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को एक पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था. अरुण जेटली सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के पद पर भी रहे. वकालत के पेशे का जेटली परिवार पर खास प्रभाव है. अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली और बेटी सोनाली जेटली भी पेशे से वकील हैं.

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