पीएम मोदी की शपथ से दो दिन पहले नीतीश कुमार ने दिए थे RSS नेताओं की जानकारी खंगालने के आदेश

, पटना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संवेदनशील मामलों की जानकारी देने वाली प्रदेश पुलिस की खुफिया इकाई को आरएसएस नेताओं की जानकारी निकालने का आदेश मिला था। 28 मई यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के दो दिन पहले स्पेशल ब्रांच के एसपी द्वारा जारी किए गए एक पत्र में प्रदेश के आरएसएस पदाधिकारियों और 17 सहायक संगठनों की विस्तृत जानकारी निकालने के आदेश दिए गए थे। इस पत्र में स्पेशल ब्रांच के सभी डेप्युटी एसपी को संबोधित करते हुए आरएसएस नेताओं के नाम, पता, पद और व्यवसाय की जानकारी देने को कहा गया था। लेटर की कॉपी हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के पास है। जेडीयू ने बताया रूटीन मामला हालांकि जेडी(यू) के नैशनल सेक्रटरी जनरल केसी त्यागी ने इसे रूटीन मामला बताया। केसी त्यागी ने कहा, 'यह रूटीन का मामला है जो कि प्रत्येक राज्य या केंद्र सरकार की खुफिया इकाई समय-समय पर करती रहती है। इसे किसी संगठन की छवि को टार्गेट करने या खराब करने की कोशिश के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।' वहीं बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'यह गंभीर मसला है क्योंकि आरएसएस एक राष्ट्रीय संगठन है।' एक हफ्ते के अंदर डिटेल देने को कहा गया था पत्र में फील्ड ड्यूटी पर लगाए वरिष्ठ अधिकारियों को इस पर तत्काल रूप से एक हफ्ते के अंदर संबंधित जानकारी देने के लिए कहा गया था। लेटर की कॉपी स्पेशल ब्रांच के एडीजी, आईजी और डीआईजी को भी भेजी गई थी। वर्तमान में स्पेशल ब्रांच के एसपी (जी) कार्तिकेय शर्मा, जिनके ऑफिस से पत्र जारी हुआ था, ने कहा, 'मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैंने हाल ही में एसपी (जी) के रूप में पदभार संभाला है।' इसके बाद नाम न बताने की शर्त पर एक दूसरे अधिकारी ने कहा, 'क्या आपको लगता है कि कोई भी ऑफिस रिपोर्ट भेजने में देरी करेगा? पत्र में साफ लिखा था कि उच्च प्राथमिकता के आधार पर जानकारी देनी है।' गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोई भी इस गंभीर मामले में कुछ नहीं बोलेगा। आरएसएस नेता ने कहा- लिस्ट में दिए गए गलत नाम बताया जा रहा है कि आरएसएस के अलावा वीएचपी, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, हिंदू राष्ट्र सेना, धर्म जागरण समिति, राष्ट्रीय सेविका समिति, दुर्गा वाहिनी स्वदेशी जागरण मंच, शिखा भारती, भारतीय किसान संघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी व अन्य के नाम भी ज्ञापन में शामिल थे। एक आरएसएस नेता ने स्पष्ट किया कि कई संगठन के नाम पत्र में गलत लिखे हुए हैं। लिस्ट में कई ऐसे संगठन के नाम हैं जो हैं ही नहीं। उन्होंने कहा, 'इससे पता चलता है कि बिहार पुलिस का खुफिया तंत्र किस तरह काम करता है।'

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