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सीएए के विरोध पर भारी बोडो समझौता, असम पीएम मोदी के स्वागत को तैयार

नई दिल्ली अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब पीएम नरेंद्र मोदी को संशोधित नागरिकात कानून (सीएए) को लेकर भड़के आक्रोश की वजह से असम में जापानी पीएम शिंजो आबे के साथ शिखर सम्मेलन को रद्द करना पड़ा था, लेकिन केंद्र सरकार के एक अन्य फैसले ने तस्वीर पूरी तरह बदल दी है।कोकराझार में लोगों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए गुरुवार को सड़कों और गलियों में मिट्टी के दीए जलाए। ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन (एबीएसयू) ने कोकराझार में बाइक रैली भी निकाली। पीएम के स्वागत की जोरदार तैयारियां की गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को असम में कोकराझार का दौरा करेंगे जहां वह बोडो समझौते पर हस्ताक्षर होने का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। पिछले दिसंबर में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन शुरू होने के बाद से यह प्रधानमंत्री का पहला पूर्वोत्तर दौरा होगा। प्रदर्शनों में तीन व्यक्ति मारे गए थे। पीएम ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'मैं असम में दौरे को लेकर उत्सुक हूं। मैं एक जनसभा को संबोधित करने के लिए कोकराझार में रहूंगा। हम बोडो समझौते पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए जाने का जश्न मनाएंगे जिससे दशकों की समस्या का अंत होगा। यह शांति और प्रगति के नये युग की शुरूआत का प्रतीक होगा।'बोडो समझौते पर हस्ताक्षर 27 जनवरी को सरकार द्वारा नैशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के चार धड़ों, आल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन और एक नागरिक समाज समूह के साथ किया गया था। इसका उद्देश्य असम के बोडो बहुल क्षेत्रों में दीर्घकालिक शांति लाना है। प्रधानमंत्री ने हाल के एक ट्वीट में हस्ताक्षर वाले दिन को 'भारत का एक बहुत खास दिन बताया था' और कहा था कि यह बोडो लोगों के लिए परिवर्तनकारी परिणाम लाएगा। समझौते पर हस्ताक्षर होने के दो दिनों में एनडीएफबी के विभिन्न धड़ों के 1615 से अधिक सदस्यों ने अपने हथियार सौंप दिये थे और मुख्यधारा में शामिल हो गए थे। मोदी ने 26 जनवरी को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपील की थी कि जो भी हिंसा के मार्ग पर हैं वे मुख्यधारा में लौट आयें और अपने हथियार डाल दें। मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच एक शिखर बैठक पिछले साल दिसंबर में गुवाहाटी में होनी थी लेकिन सीएए विरोधी प्रदर्शनों के चलते उसे रद्द कर दिया गया था। मोदी को हाल में गुवाहाटी में सम्पन्न 'खेलो इंडिया' खेलों के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन वह उसमें शामिल नहीं हुए।

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