सेना प्रमुख जनरल नरवणे बोले, ‘हथियारों की कमी अब गुजरे जमाने की बात’

नई दिल्ली, 29 जनवरी 2020, भारतीय सेना ने पिछले दो सालों में गोला बारूद आदि हथियारों की कमी पूरी कर ली है और अब वह हथियार खरीद की होड़ में है. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने इंडिया टुडे को बताया कि हथियारों की कमी अब बीते दिनों की बात है. उन्होंने कई अ​हम मुद्दों पर एक विशेष बातचीत में कहा, 'हमारे भंडार अभी भरे हुए हैं और स्टॉक का लेवल काफी ऊंचा है. पहले जो कमी सामने आई थी, उसे पूरा कर लिया गया है.' सेना की मारक क्षमता में वृद्धि हुई पिछले तीन वर्षों में 30,000 करोड़ से अधिक की हथियार खरीद ने सुनिश्चित किया है कि कमी पूरी की गई और सेना की मारक क्षमता में वृद्धि हुई है. 2016 में उड़ी हमले के बाद सेना को गंभीर रूप से गोला बारूद की कमी और आंतरिक समीक्षा का सामना करना पड़ा था. सरकार के लिए यह खतरे की घंटी थी. उड़ी हमले के बाद सेना ने आंतरिक समीक्षाओं की सूचना को सरकार से साझा किया था, जिससे पता चला कि सेना के पास गोला-बारूद का भंडार मात्र इतना ही है कि अगर 10 दिनों तक ढंग से युद्ध हो तो वह खत्म हो जाएगा. लेकिन पिछले कुछ साल में यह स्थिति बदल गई है. उसके बाद से टैंक और तोपखाने के लिए हथियार गोला बारूद बढ़ाए गए और जो गंभीर स्थिति बनी थी, उससे निजात पा ली गई. जनरल नरवणे ने कहा, 'सरकार ने अच्छी पहल की और सेना के उप-प्रमुखों को गोला बारूद की खरीद के लिए आपातकालीन अधिकार दिए. इसका परिणाम यह हुआ कि हथियार संबंधी तमाम मसलों को सुलझा लिया गया क्योंकि खरीद में तेजी लाई गई.' सेना ने पिछले तीन वर्षों में ​हथियार खरीद पर विशेष गौर किया और विशेष रूप से टैंक और आर्टिलरी गन के लिए नए गोला बारूद खरीदने पर ध्यान केंद्रित किया गया. बजट की चिंता नहीं सेना की उम्मीदों के बारे में बात करते हुए सेना प्रमुख ने बजट को प्राथमिकता दी. सेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आगामी आवंटन में सेना की आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा. सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, 'आवंटन के बावजूद, पिछले कुछ वर्षों में हमने सेना में उच्च तकनीक प्लेटफार्मों को शामिल किया है. चिंतित होने की कोई बात नहीं है, हम हमेशा सभी आपरेशनों और जरूरतों के लिए तैयार हैं.' उन्होंने कहा कि सेना ने अपनी आवश्यकताओं के बारे में सरकार को बता दिया है और आशा है कि बजट में मौजूदा जरूरतों के अनुसार आवंटन किया जाएगा. पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद सेना प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में हिंसा में कमी आने के बावजूद, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी कैंप और आतंकी बुनियादी ढांचे का अस्तित्व बना हुआ है. उन्होंने कहा, 'अभी भी 20-25 आतंकी शिविर हैं जिनमें 250-300 आतंकवादी सीमा पार करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि सेना के पास एक मजबूत काउंटर टेरर ग्रिड है और खुफिया सूचनाओं के अनुसार रणनीतियों की समीक्षा की जाती है. कश्मीर की स्थिति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के समाप्त होने से पहले कश्मीर घाटी में हिंसा बहुत ज्यादा थी. उन्होंने कहा, 'अगस्त में अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले घाटी में पत्थरबाजी और आतंकी गतिविधियां बहुत ज्यादा हो रही थीं. एक असुरक्षा का माहौल था. लेकिन अब हिंसा में काफी कमी आई है और भविष्य में हालात और बेहतर होंगे.

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