पाकिस्तानः आजादी मार्च पर इमरान को झटका, सरकार के साथ प्रदर्शनकारियों की वार्ता रद्द

इस्लामाबाद, 21 अक्टूबर 2019, पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. पहले कश्मीर के मुद्दे पर वैश्विक मंचों मुंह की खाने के बाद भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. इसके अगले ही दिन इमरान सरकार के लिए सरदर्द बने आजादी मार्च को लेकर जमीयत-ए-उलेमा-फजल (जेयूआईएफ) के साथ होने वाली वार्ता रद्द होने की खबर आई. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सरकार के साथ प्रस्तावित वार्ता रद्द होने के बाद जेयूआईएफ ने आजादी मार्च को लेकर मंथन के लिए 24 अक्टूबर को बैठक करने का ऐलान किया है. बैठक जेयूआईएफ के प्रमुख और पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेता फजल-उर-रहमान के पर्यवेक्षण में होगी. इसमें सरकार विरोधी प्रदर्शन की रणनीति पर चर्चा होगी. बैठक में शामिल होने वाले संगठन से जुड़े लोग देश की राजधानी इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन को लेकर रणनीति पर विमर्श करेंगे. रहबर कमेटी की बैठक में होगा वार्ता पर फैसला सरकार के साथ वार्ता रद्द होने को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि जेयूआईएफ के अब्दुल गफूर हैदरी और सीनेट के चेयरमैन संजारी के बीच 20 अक्टूबर को मुलाकात होनी थी. सूत्रों के अनुसार, सरकार के साथ वार्ता पर फैसला अब रहबर कमेटी करेगी, जिसकी बैठक 22 अक्टूबर को बुलाई गई है. सूत्रों ने आगे बताया कि जेयूआईएफ के प्रमुख मौलाना फजलुर्रहमान ने विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा के बाद रहबर कमेटी के साथ वार्ता को लेकर फैसला सरकार पर छोड़ दिया है. फजलुर्रहमान ने विपक्षी नेताओं से किया संपर्क सूत्रों ने दावा किया कि फजल-उर-रहमान ने इस धारणा को कि जेयूआईएफ सरकार के साथ बातचीत करना चाहता है, समाप्त करने के लिए सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं से संपर्क किया और उन्हें भरोसे में लेकर वार्ता का फैसला रहबर कमेटी पर छोड़ दिया. इसकी पुष्टि करते हैदरी ने एक पाकिस्तानी चैनल से बात करते हुए कहा कि हमने सादिक संजरानी को बैठक रद्द करने की सूचना दे दी है. क्या है पूरा मामला मौलाना फजलुर्रहमान ने इमरान सरकार के खिलाफ 31 अक्टूबर को आजादी मार्च बुलाया है. मौलाना ने इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार पर धांधली से चुनाव जीतने का आरोप लगाया था. इसे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने समर्थन की घोषणा कर दी थी. प्रधानमंत्री इमरान खान के आवास पर बैठक में मार्च को रोकने के लिए विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गई थी. सरकार ने मौलाना और सभी विपक्षी दलों से बात करने का फैसला किया था.

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