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EXCLUSIVE: यूपीए राज में राहुल गांधी के पूर्व बिजनेस पार्टनर को मिला डिफेंस का ऑफसेट कॉन्ट्रेक्ट!

नई दिल्ली, 04 मई 2019,कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बिजनेस पार्टनर रहे यूलरिक मैकनाइट को यूपीए सरकार के दौरान ऑफसेट्स डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट के जरिए फायदा पहुंचाए जाने का मामला सामने आया है. यूलरिक मैकनाइट कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ब्रिटिश कंपनी बैकोप्स यूके के को-प्रमोटर (Co-promoter) थे. इसमें यूलरिक मैकनाइट की हिस्सेदारी 35 फीसदी थी, जबकि राहुल गांधी की हिस्सेदारी 65 फीसदी थी. बैकोप्स यूके कंपनी साल 2003 में शुरू हुई थी, जिसके बाद 2009 इसे खत्म (dissolved) कर दिया गया. साल 2011 में यूलरिक मैकनाइट ने फ्रांस की रक्षा सामानों की आपूर्ति करने वाली कंपनी नेवल ग्रुप से स्कॉर्पियन सबमरीन को लेकर ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया. आजतक के हाथ लगे दस्तावेजों के मुताबिक यूपीए सरकार के दौरान राहुल गांधी के पूर्व बिजनेस पार्टनर यूलरिक मैकनाइट की सहयोगी कंपनियों को फ्रांस की नेवल ग्रुप कंपनी के ऑफसेट पार्टनर के रूप में रक्षा कॉन्ट्रैक्ट हासिल हुआ. यह मामला तब सामने आया है, जब राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच घमासान छिड़ा हुआ है. राहुल गांधी ने दिया जवाब इस बीच बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी यह मुद्दा उठाया है. उन्होंने तंज कसते हुए लिखा है कि राहुल गांधी के मिडास टच (जादुई शक्त) के सामने कुछ मुश्किल नहीं है. वहीं, राहुल गांधी ने खुद भी इन दावों पर जवाब दिया है. राहुल ने कहा है कि सबकुछ सार्वजनिक है और मैंने कुछ गलत नहीं किया है. राहुल ने कहा कि आप जो चाहे जांच कर लो, कोई कार्रवाई कर लो, मुझे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि मुझे पता है मैंने कुछ गलत नहीं किया है. हालांकि, राहुल ने इसके आगे ये भी जोड़ दिया कि राफेल की जांच भी होनी चाहिेए. अब तक दोनों पार्टियों द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों से यह बात तो साफ है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में बैकोप्स लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई थी. इसमें यूलरिक मैकनाइट नाम के शख्स को पार्टनर बनाया गया था. बैकोप्स यूके की ओर से फाइल किए गए दस्तावेजों के मुताबिक राहुल गांधी और मैकनाइट दोनों ही कंपनी के संस्थापक डायरेक्टर थे. जून 2005 तक इस कंपनी में राहुल गांधी की हिस्सेदारी 65 फीसदी और मैकनाइट की हिस्सेदारी 35 फीसदी थी. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने चुनावी हलफनामा दाखिल किया था, जिसमें उन्होंने बैकोप्स यूरोप की चल संपत्ति का जिक्र किया था. इस चल संपत्ति में बैकोप्स यूरोप के तीन बैंक अकाउंट में जमा धनराशि भी शामिल थी. इसके बाद यह कंपनी फरवरी 2009 में बंद कर दी गई थी. इसके अलावा राहुल गांधी बैकोप्स कंपनी के नाम की दूसरी कंपनी यानी बैकोप्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से भी जुड़े रहे. इस कंपनी में उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा सह-निदेशक के पद पर रहीं. राहुल गांधी ने अपने साल 2004 के चुनावी हलफनामे में घोषित किया था कि भारतीय कंपनी बैकोप्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में उनकी 83 फीसदी हिस्सेदारी है. राहुल गांधी ने अपने चुनावी हलफनामे में यह भी बताया था कि उन्होंने इस कंपनी में दो लाख 50 हजार रुपये का निवेश किया है. यह कंपनी साल 2002 में बनाई गई थी, लेकिन बाद में इसको भी बंद कर दिया गया. इस कंपनी ने अपना अंतिम रिटर्न जून 2010 में दाखिल किया. क्या है पूरा मामला आरोप है कि राहुल गांधी के पूर्व बिजनेस पार्टनर और उनकी बाद में बनाई गई कंपनियों को फ्रांस की रक्षा कंपनी द्वारा दिए गए ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट के जरिए फायदा पहुंचाया गया. साल 2011 में ऑफसेट दायित्व के तहत फ्रांस की नेवल ग्रुप (पहले इसको डीसीएनएस के नाम से जाना जाता था) ने विशाखापत्तनम स्थित कंपनी फ्लैश फोर्ज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक डील साइन की. यह डील स्कॉर्पीन सबमरीन के अहम कलपुर्जों की सप्लाई करने के लिए की गई थी. इन स्कॉर्पीन सबमरीन का निर्माण मुंबई के मजगों डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में किया जा रहा था. फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप को एमडीएल के साथ मिलकर 6 स्कॉर्पीन सबमरीन बनाने की डील मिली थी. यह डील करीब 20 हजार करोड़ रुपये की थी. साल 2011 में भारतीय कंपनी फ्लैश फोर्ज ने ब्रिटेन की ऑप्टिकल आर्मर्ड लिमिटेड का अधिग्रहण किया. इसके बाद अगले साल नंबर 2012 में फ्लैश फोर्ज कंपनी के दो डायरेक्टरों को ऑप्टिकल आर्मर्ड लिमिटेड में डायरेक्टरशिप दे दी गई थी. 8 नवंबर 2012 को इन दोनों ने डायरेक्टरशिप का भार संभाल लिया. इसके साथ ही यूलरिक मैकनाइट को भी ऑप्टिकल आर्मर्ड लिमिटेड का डायरेक्टर बना दिया गया. इतना ही नहीं, साल 2014 में ऑप्टिकल आर्मर्ड लिमिटेड द्वारा दाखिल रिटर्न के मुताबिक कंपनी ने यूलरिक मैकनाइट को 4.9 फीसदी शेयर भी अलॉट कर दिया था. इसके बाद साल 2013 में फ्लैश फोर्ज ने ब्रिटेन की एक दूसरी कंपनी 'कंपोजिट रेसिन डेवलपमेंट लिमिटेड' का अधिग्रहण कर लिया. इसके बाद यूलरिक मैकनाइट को इस दूसरी कंपनी का भी डायरेक्टर बना दिया गया. मैकनाइट के साथ फ्लैश फोर्ज लिमिटेड के दो डायरेक्टर को भी 'कंपोजिट रेसिन डेवलपमेंट लिमिटेड' का डायरेक्टर बनाया गया. फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप की वेबसाइट्स ने फ्लैश फोर्ज और सीएफएफ फ्लूइड कंट्रोल प्राइवेट लिमिटेड को भारतीय पार्टनर बताया है. सीएफएफ फ्लूइड कंट्रोल प्राइवेट लिमिटेड फ्लैश फोर्ज और फ्रांसीसी कंपनी कोयार्ड का ज्वाइंट वेंचर है. वहीं, अभी तक इस संबंध में मैकनाइट से किसी तरह का कोई संपर्क नहीं हो पाया है. इसके अलावा फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप द्वारा फ्लैश फोर्ज से कॉन्ट्रैक्ट करने से पहले राहुल गांधी की भारतीय और यूरोपीय कंपनियां बंद कर दी गई थीं. हालांकि इन सबके बीच राहुल गांधी के पूर्व बिजनेस पार्टनर यूलरिक मैकनाइट को यूरोपीय कंपनियों के जरिए फायदा पहुंचाया गया.

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