नागरिकता संशोधन कानून के केरल विधानसभा में प्रस्ताव पर बोले केंद्रीय मंत्री, संविधान और कानून से ऊपर नहीं राज्य सरकार

नई दिल्ली केरल विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रस्ताव पारित कराए जाने पर केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरण ने हमला बोला है। केरल से आने वाले विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि केरल की सरकार को यह समझना चाहिए कि वह कानून से ऊपर नहीं है। वे संविधान से ऊपर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकारों को ऐसे मसलों पर प्रस्ताव पारित करने या फिर अदालतों में केस दायर करने पर जनता के पैसे बर्बाद नहीं करने चाहिए, जो उनसे जुड़े न हों। इससे पहले सूबे के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने भी केरल सरकार के नागरिकता संशोधन पर फैसले की आलोचना की थी। विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर ऐक्ट को सूबे में न लागू करने के फैसले पर बरसते हुए आरिफ ने कहा था कि यह जनता के पैसे की बर्बादी है। केरल सरकार ने प्रस्ताव पारित करने का प्रचार कई राष्ट्रीय अखबारों में भी किया था। इस पर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा था कि यह जनता के पैसे की बर्बादी है। उन्होंने कहा था कि अपने राजनीतिक प्रॉपेगैंडे को बढ़ाने के मकसद से सरकार को जनता के पैसे से अखबारों विज्ञापन नहीं देने चाहिए। गवर्नर ने कहा था, पार्टी ऐड देती तो ठीक था गवर्नर ने कहा कि यदि यह विज्ञापन किसी राजनीतिक दल की ओर से जारी किया गया होता तो कोई समस्या नहीं होती। केरल सरकार ने तीन राष्ट्रीय अखबारों में विज्ञापन देकर कहा था कि सरकार ने जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कई साहसी फैसले लिए हैं। सरकार ने नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर पर रोक की भी बात कही है। केरल के सीएम पिनराई विजयन की सरकार ने एनपीआर को एनआरसी का शुरुआती कदम करार दिया है।

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