आसान नहीं होगा चिदंबरम के लिए सीबीआई के शिकंजे से निकलना, जानिए क्यों

नई दिल्ली आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को सीबीआई ने बुधवार रात उनके घर से हिरासत में ले लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार दोपहर उन्हें दिल्ली के राउज ऐवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। यह पूरा मामला अब आगे किस रास्ते पर बढ़ सकता है और सीबीआई के शिकंजे से निकलना चिदंबरम के लिए कितना मुश्किल है, यहां जानिए. रिमांड पर पहले सुनवाई सीबीआई आज राउज ऐवेन्यू कोर्ट में चिदंबरम को पेश करेगी। यहां एजेंसी द्वारा उनकी अधिकतम 14 दिन की पुलिस रिमांड (सीबीआई रिमांड) मांगी जा सकती है। यदि कोर्ट सीबीआई की मांग मान लेती है तो चिदंबरम की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। कानून के जानकार सीनियर वकील नवीन शर्मा का कहना है कि जब तक रिमांड का समय पूरा नहीं होता, तब तक चिदंबरम की जमानत याचिका पर भी सुनवाई नहीं हो सकती है। ईडी भी लाइन में अपने राजनीतिक कार्यकाल में सबसे बड़ी मुसीबत का सामना कर रहे पी चिदंबरम के पीछे दो एजेंसियां हैं। सीबीआई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कोर्ट से चिदंबरम की रिमांड की मांग कर सकता है। अब यह पूरी तरह कोर्ट पर निर्भर करता है कि वह रिमांड की मांग मानती है या नहीं। ... तो होगी जमानत पर सुनवाई सीनियर वकील अमन शरीन का कहना है कि रिमांड का समय पूरा होने या रिमांड की मांग खारिज होने के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाता है। न्यायिक हिरासत में भेजने के साथ ही आरोपी के वकील जमानत की मांग कर सकते हैं। यदि निचली अदालत में चिदंबरम की जमानत अर्जी खारिज हो जाती है तो वे जमानत के लिए उच्च अदालतों का रुख कर सकते हैं। बड़ी मुश्किल में पड़ सकते हैं चिदंबरम यदि कोर्ट से पहले सीबीआई और बाद में ईडी की रिमांड की मांग मान ली जाती है तो यह चिदंबरम के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है। हिरासत अवधि के दौरान कानून आरोपी की जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकती है। यानी, चिदंबरम को भी रिमांड पीरियड तक जमानत मिलने का कोई सवाल नहीं उठता है। चिदंबरम की याचिका पर SC करेगा सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की गिरफ़्तारी के लिए बचने के लिए दायर अग्रिम ज़मानत की 2 अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी थी।इसके बाद चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई और ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए 2 अलग-अलग अग्रिम ज़मानत की अर्जी दायर की। सीबीआई के खिलाफ दायर याचिका अब औचित्यहीन हो गई है, लेकिन ईडी के खिलाफ दायर अर्जी पर सुनवाई होगी। सीबीआई की अर्जी महत्वहीन हो चुकी है क्योंकि चिदंबरम पहले ही अरेस्ट हो चुके हैं। ईडी भी चिदंबरम को गिरफ्तार करेगी, ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व वित्त मंत्री ने अर्जी दी है।

Top News