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अशोक गहलोत Vs सचिन पायलट मामले में बड़ी खबर, राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला 24 जुलाई तक सुरक्षित रखा

जयपुर राजस्थान हाईकोर्ट ने अशोक गहलोत सरकार से बगावत करने वाले सचिन पायलट गुट की याचिका पर लगातार तीसरे दिन सुनवाई करते हुए फैसला 24 जुलाई तक सुरक्षित रख लिया है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की अदालत ने सुनवाई करते हुए सचिन पायलट गुट की ओर दायर याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पायलट गुट को फौरी राहत दी है। फैसला सुरक्षित रखने के साथ ही हाईकोर्ट ने 24 जुलाई तक स्पीकर से भी नोटिस मामले में कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया है। पिछले दस दिन से राजस्थान सरकार पर मंडरा रहे सियासी संकट के बादल मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट में छंट गए लेकिन अब भी सचिन पायलट गुट को पूरी तरह से राहत नहीं मिली है, अब फैसला 24 जुलाई को होना है। पायलट गुट ने पेश की दलीलें पायलट गुट की ओर से हाईकोर्ट में विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी की ओर से विधानसभा की सदस्यता खत्म किए जाने के नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की थी। शुक्रवार को सचिन पायलट गुट की ओर से वकील हरीश साल्वे ने लंदन से ऑनलाइन कोर्ट में दलीलें दी। करीब डेढ़ घंटे की पैरवी के दौरान साल्वे ने 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' का हवाला देते हुए सचिन पायलट और अन्य 18 विधायकों को दिए गए नोटिस को खारिज करने की मांग की। उनके बाद गुट की ओर से मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। गहलोत-पायलट गुटों की विधायकों की बाड़ाबंदी राजस्थान में गहलोत सरकार पर आए सियायी संकट का सोमवार को 10वां दिन है। सरकार से बगावत करने वाला सचिन पायलट गुट सरकार के खिलाफ के बाद से राजस्थान से बाहर बाड़ाबंदी में कैद है। वहीं गहलोत गुट के विधायक जयपुर में एक होटल में ठहरे हुए है। पिछले सात दिन से विधायकों की बाड़ाबंदी की गई है। पायलट और गहलोत दोनों गुटों के विधायकों की बाड़ाबंदी के बीच मामला कोर्ट तक पहुंचा और अब सभी की निगाहें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी थी।

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