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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में हनुमानगढ़ प्रदेश भर में अव्वल

हनुमानगढ़, 5 जुलाई। गर्भवती महिलाओं को नगद सहायता देने के लिए बनाई गई योजना प्रधानमंत्री मातृृ वंदना योजना हनुमानगढ़ जिला पूरे प्रदेश में अव्वल आया है। वहीं सीकर दूसरे और झुंझुनूं तीसरे स्थान पर है। जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने महिला एवं बाल विकास की पूरी टीम को इसके लिए बधाई दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक श्री प्रवेश सोलंकी ने बताया कि निदेशालय महिला एवं बाल विकास विभाग ने सितम्बर 2020 के जो लक्ष्य दिए थे, उसका जून तक का लेखा जोखा जारी किया गया है। हनुमानगढ़ को 26 हजार 166 का लक्ष्य दिया गया था जिसके विरूद्व हनुमानगढ़ जिले ने 32 हजार 325 ऑनलाइन फॉर्म भरवाकर यह उपलब्धि हासिल की है। हनुमानगढ़ द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में लक्ष्य की तुलना में करीब 124 प्रतिशत महिलाओं को सहायता प्रदान की है। श्री सोलंकी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा डोर टू डोर सम्पर्क कर गर्भवती महिलाओं से फॉर्म भरवाए गये। जिन महिलाओं द्वारा प्रथम किश्त का लाभ ले लिया गया उन्हें द्वितीय एवं तृतीय किश्त से लाभान्वित करने हेतु टीकाकरणध्जन्म प्रमाण-पत्र आदि कार्य भी कार्यकर्ताओं द्वारा करवाये गये। सेक्टर स्तर पर मिशन मोड में फॉर्म की जांच करवाई गयी एवं वर्क फ्रोम होम के समय सभी फॉर्मो की ऑनलाईन फिडिंग संबंधित कार्मिकों द्वारा घर से की गई। बाल विकास परियोजना अधिकारियों के स्तर पर त्वरित गति से फॉर्मों की जांच कर योजना का लाभ दिलवाने हेतु अप्रूवल दिया गया ताकि कोविड-19 संकट के दौरान गर्भवती महिलाओं को लाभ मिल सकें एवं उनके पोषण के स्तर में सुधार हो सकें। श्री सोलंकी बताया की इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दंपति के प्रथम जीवित बच्चे पर कुल पांच हजार(5000ध्-ं) रूपये की सहायता तीन किश्तों में दी जाती है। प्रथम किश्त एक हजार (1000ध्-ंउचय) रूपये महिला के प्रथम गर्भवती होने पर एवं आंगनबाड़ी पर पंजीकरण करवाने पर। द्वितीय किश्त दो हजार (2000ध्-ं) रूपये गर्भावस्था के छः माह पूर्ण होने पर एवं कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच हो जाने पर। तृतीय किश्त भी दो हजार (2000ध्-ंउचय) रूपये बच्चे के जन्म के पश्चात बच्चे का प्रथम टीकारण चक्र (3) माह) पूर्ण होने पर एवं जन्म प्रमाण-ंपत्र लाने पर। सरकार की ओर से राषि देने के पीछे मंशा ये है कि आर्थिक तंगी क चलते गर्भवती महिलाओं का पोषण नही रूकना चाहिए।

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