taaja khabar..CJI को वकीलों का पत्र, मोदी बोले-धमकाना कांग्रेस की संस्कृति:600 वकीलों ने चीफ जस्टिस से कहा- न्यायपालिका खतरे में है, दबाव से बचाना होगा ..अरविंद केजरीवाल की बढ़ी ED रिमांड, कोर्ट में सीएम ने खुद दी दलीलें..लोकसभा चुनाव लड़ेंगे फिल्म स्टार गोविंदा? एकनाथ शिंदे की शिवसेना में हुए शामिल..केजरीवाल को CM पद से हटाने वाली याचिका खारिज, जानें दिल्ली HC ने क्या कहा..प्रकाश आंबेडकर ने संजय राउत पर बोला हमला, बोले- 'आपने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया'..रक्षामंत्री बोले- सरकार अग्निवीर योजना में बदलाव को तैयार:सेना को युवाओं की जरूरत; कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया, कहा- ये यूथ से धोखा..

स्वतंत्रता सेनानी सुरजाराम आर्य का हुआ राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

जिला कलक्टर जाकिर हुसैन और एसपी राशि डोगरा भी अंतिम संस्कार में रहीं उपस्थित हनुमानगढ़, 10 दिसंबर। भादरा की ग्राम पंचायत सरदारगढिया के निकटवर्ती चक 4 एएमएस में मंगलवार को स्वतंत्रता सैनानी सुरजाराम आर्य का राजकीय सम्मान गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार किया गया। विधायक बलवान पूनियाँ ,जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन, जिला पुलिस अधीक्षक राशि डोगरा, एएसपी राजेन्द्र मीणा, डीवाईएसपी राजीव परिहार, तहसीलदार जीतूसिंह मीणा, पूर्व विधायक संजीव बैनीवाल ने पुष्पचक्र, पुष्पमाला व फूल अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इनके अलावा स्वतंत्रता सैनानी आर्य के पुत्रों, पौत्रों व प्रपौत्रों के साथ सामाजिक नागरिक, शेरसिंह गोस्वामी, श्योनाथ लाम्बा, डॉ. बलवान वर्मा, सुभाष छिम्पा, बलवान फगडिया समेत अनेकों ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों ने भाग लेते हुए स्वतंत्रता सैनानी आर्य के पार्थिव देह पर पुष्पचक्र, पुष्पमाला व फूल अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। जिला कलक्टर और एसपी ने तो आर्य के पार्थिव देह को श्मशान ले जाते समय कंधा भी दिया। चक 4 एमएसआर की कल्याण भूमि में तिरंगे में लिपटे आर्य को पुलिस जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर से सलामी दी। इस अवसर पर जिला कलेक्टर ने बताया कि स्वतंत्रता सैनानी के नाम पर गांव का नाम रखने व रोड़ का नामकरण करने के साथ ग्राम को रेलवे का हॉल्ट स्टेशन बनाने की मांग की गई है। ग्राम पंचायत को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये गये है। उन्होने बताया कि इसी वर्ष 19 मार्च को भी आर्य का राज्य सरकार की ओर से सम्मान किया गया था। उनके शव को मुखाग्रि पुत्र धर्मदेव मारोठिया, हरदेवसिंह, सोमदत्त मारोठिया, भोपालसिंह, महिपालसिंह ने दी। ग्रामीणों ने स्वतंत्रता सैनानी आर्य के अमर होने के नारे लगाये। स्वतंत्रता सेनानी सुरजाराम आर्य का परिचय-- स्वतंत्रता सैनानी सुरजाराम आर्य का ग्राम सरदारगढिया में हरलाल मारोठिया के यहां 10 मई 1925 को जन्म हुआ। पास के गांव करणपुरा में कक्षा 2 तक अध्ययन किया। फिर गांव में अकाल पडने के चलते इनका परिवार रायसिंहनगर तहसील के चकड़ा गांव में चला गया जहां पर उन्होने किंकराली गांव के विद्यालय से कक्षा 4 पास की व शिक्षा के प्रति हमेशा की ललक बनी रही। अंग्रेजों की गुलामी को लेकर इनके व इनके मित्रों में हमेशा चर्चा होती रही। वर्ष 1947 के आरम्भ में निकटवर्ती राजगढ़ कस्बे में धारा 144 लगा दी गई। आजादी का नाम लेने वाले लोगों को देशद्रोही बताकर जेलों डाला जा रहा था इसकी सूचना मिलने पर ग्राम सरदारगढिया निवासी सुरजाराम आर्य अपने मित्र रामलाल बैनीवाल, मोतीराम बिश्रोई, पोखरराम नायक, नन्दराम गढवाल, कालुराम स्वामी 144 धारा तोडने के लिए रेलगाडी से राजगढ पहूंच गये व राजगढ में एकत्रित हुए 200 नागरिकों का नेतृत्व करते हुए राजा व अग्रेजों के खिलाफ नारे लगाने लगे जिसके चलते इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। माफी मांगने पर छोडने के लिए कहा किन्तु इन्होने माफी मांगने से मना कर दिया इस पर राजगढ के मजिस्ट्रेट ने 6 माह का कठोर कारावास व 500 रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जेल में इन्हें गले सड़े मोठ की दाल व गले सड़े जौ की 2 रोटियां दी जाती थी जिससे इनके शरीर पर फोड़े हो गये बेचौनियां बढ़ गई, सो भी नहीं सकते थे। मद्रास से आये जेल प्रभारी ने निरीक्षण कर महाराजा बीकानेर को कहा कि इस तरह से कैदी मर जायेगें। यह मेरी जिम्मेवारी नहीं होगी। इसके बाद उनके भोजन में सुधार किया गया। इनकी सजा पूरी होने से पहले देश आजाद हो गया। गंगानगर निवासी एडवोकेट रामचन्द्र जैन जाकर नेहरू से मिले व इन्हें छुड़ाने का आग्रह किया। नेहरू के फोन करने पर बीकानेर रियासत ने इन पर देशद्रोह का मुकदमा हटाकर इन्हें रिहा किया। देश आजाद होने के बाद उन्होने चलाकर कभी भी किसी सुविधा की मांग नहीं की। उनका कहना था कि उनका सपना पूरा हुआ। अपनी संतानों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करते रहे। अपनी पुत्री को भी उन्होने उस समय शिक्षा के लिए आर्य गुरूकुल में भेजा।

Top News