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राम माधव बोले- नागरिकता बिल पर बोलने वाले PAK और अमेरिका होते कौन हैं

नई दिल्ली, 10 दिसंबर 2019, नागरिकता संशोधन विधायक सोमवार देर रात लोकसभा से पास हो गया है. लोकसभा से पास होने के बाद पाकिस्तान ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. अमेरिका की भी एक संस्था ने इस बिल के खिलाफ टिप्पणी की है. अमेरिका और पाकिस्तान की टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता राम माधव ने कहा है कि नागरिकता बिल हमारा आंतरिक मामला है. अमेरिका और पाकिस्तान हमारे आंतरिक मामले में दखल देने वाले कौन होते हैं. विपक्षी पार्टियां भी नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रही हैं, साथ ही इसे धार्मिक आधार पर लागू कराने को लेकर आपत्ति जता रही हैं. बता दें कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की स्थायी समिति ने भारत के उस नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) से खुलकर असहमति जताई है, जिसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने इस विवादास्पद विधेयक को लोकसभा में पेश किया है. इस विवादास्पद विधेयक पर एनवाईटाइम्स डॉट कॉम पर प्रकाशित एक आलेख पर टिप्पणी करते हुए सदन की विदेश मामलों की समिति ने ट्वीट किया, 'धार्मिक बहुलता भारत और अमेरिका दोनों की बुनियाद का केंद्रीय तत्व है और यह हमारा एक प्रमुख साझा मूल्य भी है. नागरिकता का कोई भी धार्मिक पक्ष इस बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत को कमजोर कर देगा.' अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की एक स्थायी समिति के रूप में सदन की विदेश मामलों की समिति के पास विधेयकों और अमेरिकी विदेशी मामलों से संबंधित छानबीन का अधिकार है. इमरान ने की निंदा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को भारत के विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक की निंदा की. विधेयक के माध्यम से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत पहुंचे हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों की नागरिकता का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा. इमरान ने ट्विटर के माध्यम से कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय समझौतों के सभी मानदंडों का उल्लंघन करने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक का भारतीय लोकसभा में पास किए जाने की हम कड़ी निंदा करते हैं.' उन्होंने कहा, 'यह फासीवादी मोदी सरकार द्वारा प्रचारित आरएसएस के 'हिंदू राष्ट्र' की डिजाइन का हिस्सा है.' इमरान का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विधेयक भारतीय लोकसभा में पहले ही मत विभाजन के माध्यम से पास हो चुका है. एक दिन पहले सोमवार को अपराह्न् चार बजे से विधेयक पर चर्चा शुरू हुई और सोमवार देर रात 12.06 बजे तक लंबी बहस के बाद इस विधेयक के पक्ष में 311 वोट पड़े और इसके विरोध में 80 वोट पड़े. विधेयक को अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा. संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के चलते प्रताड़ित होकर भारत पहुंचे गैर-इस्लामी लोगों की नागरिकता का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा.

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