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कोयले की कमी, बिजली कटौती, पीएम से गुहार लगाते सीएम... लेकिन ऊर्जा मंत्री बोले- सब चंगा सी

नई दिल्‍ली एक तरफ पावर प्‍लांट्स में कोयले की कमी से जुड़ी रिपोर्ट्स आ रही हैं। उत्‍तर प्रदेश समेत कुछ राज्‍यों में घंटों बिजली कटौती हो रही है। दूसरी ओर, राज्‍य सरकारें संकट भांपकर केंद्र सरकार से गुहार लगा रही हैं। इन सबके बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री कहते हैं कि सब ठीक है। सारी आशंकाओं को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने 'निराधार' करार दिया है। सिंह ने रविवार को कहा कि संकट न तो कभी था, न आगे होगा। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 'हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज़्यादा का औसतन स्टॉक है, हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है। कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आया।' उन्‍होंने कहा क‍ि 'हमें कोयले की अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी है हम इसके लिए कार्रवाई कर रहे हैं।' केंद्रीय मंत्रियों ने क्‍या कहा? हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज़्यादा का औसतन स्टॉक है, हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है। कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आया। पहले की तरह कोयले का 17 दिन का स्टॉक नहीं है लेकिन 4 दिन का स्टॉक है। कोयले की ये स्थिति इसलिए है क्योंकि हमारी मांग बढ़ी है और हमने आयात कम किया है। आरके सिंह, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री बिजली आपूर्ति बाधित होने का बिल्कुल भी खतरा नहीं है। कोल इंडिया लिमिटेड के पास 24 दिनों की कोयले की मांग के बराबर 43 मिलियन टन का पर्याप्त कोयले का स्टॉक है। GAIL के मेसेज से हुआ कन्‍फ्यूजन? ऊर्जा मंत्री ने रविवार को दिल्‍ली में सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। बाद में सिंह ने कहा, 'दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी।' ऊर्जा मंत्री के अनुसार, 'बिना आधार के ये पैनिक इसलिए हुआ क्योंकि गेल ने दिल्ली के डिस्कॉम को एक मैसेज भेज दिया कि वो बवाना के गैस स्टेशन को गैस देने की कार्रवाई एक या दो दिन बाद बंद करेगा। वो मैसेज इसलिए भेजा क्योंकि उसका कांट्रैक्ट समाप्त हो रहा है। बैठक में गेल के भी सीएमडी आए हुए थे हमने उन्हें कहा है कि कांट्रैक्ट बंद हो या नहीं, गैस के स्टेशन को जितनी गैस की जरूरत है उतनी गैस आप देंगे।' कई मुख्‍यमंत्रियों ने केंद्र को लिखी चिट्ठी बिजली संकट की आशंका को देखते हुए कई मुख्‍यमंत्र‍ियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। दिल्‍ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दखल देने की मांग की है। आंध्र प्रदेश और पंजाब के मुख्‍यमंत्रियों ने भी केंद्र को चिट्ठी भेजी है।

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