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सेना वापसी समझौते में भारत ने कुछ नहीं खोया, पैंगोंग झील में पीछे हट रहा चीन

पूर्वी लद्दाख में जिन जगहों पर पिछले साल से भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं, उनमें से पैंगोंग झील भी एक है। इस झील के उत्‍तरी और दक्षिणी, दोनों तटों पर दोनों सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति रही है। गुरुवार को राज्‍यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन इस झील के दोनों तटों की फॉरवर्ड लोकेशंस से सेनाएं हटाने को तैयार हो गए हैं। दोनों देशों के बीच मिलिट्री लेवल पर कई दौर की बातचीत के बाद इस डिसइंगेजमेंट पर सहमति बनी है। भारत के लिए इस समझौते में खोने को कुछ नहीं है, जबकि चीन को अच्‍छे-खासा इलाके से पीछे हटना होगा। क्‍यों अहम है पैंगोंग झील? 3,488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) अधिकतर जगह जमीन से गुजरती है, मगर पैंगोंग झील अनूठी है। यहां पर भारत और चीन की सीमाएं पानी में हैं। LAC इस झील में कहां से गुजरती है, इसे लेकर भारत और चीन के अलग-अलग दावे हैं। पूर्वी लद्दाख में आने वाली करीब 826 किलोमीटर लंबी LAC के लगभग बीच में पैंगोंग झील पड़ती है। यह एक लंबी, गहरी और लैंडलॉक्‍ड (जमीन से घिरी हुई) झील है जो 14,000 फीट से भी ज्‍यादा ऊंचाई पर स्थित है। 135 किलोमीटर लंबी यह झील 604 वर्ग किलोमीटर से भी ज्‍यादा एरिया में फैली है। कहीं-कहीं इसकी चौड़ाई 6 किलेामीटर तक है। रणनीतिक रूप से यह झील इसलिए महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि अगर चीन भारत पर आक्रमण करना चाहे तो उसके पास चुशूल के रास्‍ते घुसने का विकल्‍प है और उसी के रास्‍ते में यह झील पड़ती है। पैंगोंग झील में फिंगर एरिया क्‍या है? झील के उत्‍तरी किनारे पर वीरान पहाड़‍ियां हैं। इनमें से पर्वत-स्कंध (Spurs) निकले हैं जिन्‍हें 'फिंगर्स' कहते हैं। भारत के मुताबिक, LAC फिंगर 8 तक है हालांकि उसका कंट्रोल फिंगर 4 तक ही है। चीन की बॉर्डर पोस्‍ट्स फिंगर 8 पर हैं लेकिन उसका दावा है कि LAC फिंगर 2 से गुजरती है। कुछ साल पहले चीन ने फिंगर 4 पर परमानेंट कंस्‍ट्रक्‍शन करने की कोशिश की थी जिसे भारत की कड़ी आपत्ति के बाद हटा लिया गया। भारत फिंगर 8 तक पैट्रोलिंग करता रहा है मगर यह पैट्रोलिंग पैदल होती है। पिछले साल मई में फिंगर 5 एरिया में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। अभी तक यहां क्‍या स्थिति थी? चीन ने अप्रैल-मई से ही फिंगर 4 तक अपनी सेना को तैनात कर रखा था। भारत की एक परमानेंट पोस्‍ट फिंगर 3 के पास है। चीन के जवाब में भारत ने भी चोटियों पर भारी संख्‍या में जवान तैनात कर दिए। दक्षिणी तट पर भी भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने थे। डिसइंगेजमेंट के बाद क्‍या हालात होंगे? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में गुरुवार को जो कहा, उसके मुताबिक चीनी सैनिक झील के उत्‍तरी तट पर फिंगर 8 के पूर्व की तरफ लौट जाएंगे। यानी अप्रैल-मई 2020 से पहले वाली स्थिति में। वहीं, भारत अपने सैनिकों को फिंगर 3 के पास स्थित परमानेंट बेस पर तैनात रखेगा। यह भी तय हुआ है कि अप्रैल 2020 के बाद, झील के उत्‍तरी और दक्षिणी तटों पर बनाए गए किसी भी स्‍ट्रक्‍चर को दोनों सेनाएं नष्‍ट करेंगी। जो स्थित‍ि उस वक्‍त थी, वही स्थिति बहाल की जाएगी। यानी इस समझौते में भारत ने कुछ नहीं खोया है, मगर चीन ने उत्‍तरी तट पर जो ऐडवांस पोजिशन हासिल की थी, उसे गंवा दिया है। वैसे भी फिंगर 8 तक का इलाका भारत में आता है तो चीन को भी अपनी इस हरकत से कुछ हासिल नहीं हुआ है।

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