राजस्थान: NHM भर्ती मामले को विधानसभा में उठाएगी बीजेपी

जयपुर,राजस्थान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) एक बार फिर चर्चाओं में है. एनएचएम में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के 2500 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी. 22 जून को इसकी परीक्षा भी होनी थी लेकिन 22 जून को ही मामला सरकार की जानकारी में आ गया. इसके बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया. वहीं बीजेपी इस मामले को विधानसभा में उठाएगी. IEC की तरफ से इस परीक्षा को लेकर 19 जून को प्रेस रिलीज जारी करवाई गई थी. इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने साफ कहा है कि न तो उन्हें और न ही ACS रोहित कुमार सिंह को इस भर्ती परीक्षा के बारे में कोई जानकारी थी. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की वो जांच करवा रहे है और मामले में दोषी पाए जाने वाले हर स्तर के व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. शुरुआती तौर पर इस मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एसीएस रोषित कुमार सिंह ने एनएचएम की पूरी HR सेल और वरिष्ठ सहायक अशोक भंडारी को सस्पेंड करने के आदेश भी जारी कर दिए है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि परीक्षा में कुल 30 हजार आवेदन आए और कई अभ्यर्थियों से नियुक्ति देने के लिए डेढ़-डेढ़ लाख रुपये भी वसूले गए. हालांकि इस बात के अभी तक कोई प्रमाण सामने नहीं आए है. वहीं एनएचएम के मिशन निदेशक समित शर्मा पर आरोप है कि सरकार की जानकारी के बिना गुपचुप तरीक से 2500 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की भर्ती निकाल दी गई. इन पदों के लिए 30 हजार आवेदन आए थे. 22 जून को ऑनलाइन परीक्षा होनी थी. समित शर्मा ने खुद ही प्रश्न बैंक तैयार कर लिया था. लेकिन किसी तरह स्वास्थ्य मंत्री और एसीएस हेल्थ यानी अतिरिक्त मुख्यसचिव रोहित कुमार सिंह तक ये मामला पहुंचा. तब स्वास्थ्य मंत्री हैरान रह गए क्योंकि मंत्रीजी को पता ही नहीं था कि उनके महकमे में 2500 भर्तियां निकली है. मंत्रीजी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह से पूछा तो वे भी चौंक गए. रोहित कुमार सिंह ने जांच कराई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. इस पद पर नियुक्ति के नाम पर डेढ़-डेढ लाख की वसूली करने और बदले में प्रश्न पत्र देने की योजना के घोटाले के आरोप भी सामने आए. जिसके बाद स्वास्थ्य महकमे की एचआर सेल और आरोपी वरिष्ठ सहायक अशोक भंडारी को संस्पेंड कर परीक्षा रद्द कर दी गई. राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए है. बीजेपी ने बताया महाघोटाला वहीं बीजेपी ने इसे महाघोटाला करार दिया है और सीबीआई से जांच की मांग की है. बीजेपी ने चेतावनी दी कि इस घोटाले पर वे सरकार को माफ नहीं करेंगे. विधासनभा के आगामी सत्र में गहलोत सरकार को घेरेंगे कि आखिर चिकित्सा मंत्री की नाक के नीचे कैसे इतना बड़ा भर्ती घोटाला हुआ. पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ ने कहा कि इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे. ये बड़ा घोटाला है. इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए. वहीं समित शर्मा ने कहा कि एनएचएम में कम्युनिटी हेल्थ स्कीम में फंड का 40 फीसदी पैसा राज्य सरकार और 60 फीसदी केंद्र सरकार वहन करती है. केंद्र से 2500 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की भर्ती के लिए आदेश आए थे. तब आचार संहिता लगी थी. लिहाजा केंद्र के निर्देशानुसार हमने चुनाव आयोग से इजाजत लेकर अखबारों में इश्तहार देकर भर्तियां निकाली है. एनएचएम के एमडी डॉ. समित शर्मा ने ही गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में मुफ्त दवा योजना लांच की थी. ब्रांडेड की जगह जेनरिक दवा अस्पतालों में अनिवार्य की थी. इससे समित शर्मा की तारीफ देश ही नहीं दुनियाभर में होने लेगी थी.

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