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कौन हैं दिल्ली के नए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, जानें पायलट बनने से लेकर दिल्ली के LG बनने का उनका सफर

नई दिल्ली: खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष रहे विनय कुमार सक्सेना दिल्ली के लेफ्टिनेट गवर्नर (LG Vinai Kumar Saxena) नियुक्त किए गए हैं। कॉरपोरेट जगत से जुड़े वे पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें दिल्ली का एलजी बनाया गया है। माना जा रहा है कि बेहद प्रतिभावान और कुशल नेतृत्व वाले सक्सेना राजधानी के विकास के लिए नए विजन के साथ काम करेंगे। सक्सेना के विजन का ही नतीजा है कि खादी आज एक ग्लोबल ब्रैंड बन गया है। सक्सेना भारतीय कॉरपोरेट और सामाजिक क्षेत्र (who is Vinai Kumar Saxena) का एक जाना पहचाना नाम हैं। उनके पास 3 दशकों का एक लंबा अनुभव है। काबिलियत के दम पर चढ़ी सीढ़ियां विनय कुमार सक्सेना का जन्म कानपुर के एक शिक्षित और प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार में जन्म हुआ है। सक्सेना ने 1981 में कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और पायलट लाइसेंस भी प्राप्त किया। सामाजिक और विविध क्षेत्रों में सक्सेना की नेतृत्व क्षमता बेहद उम्दा रही है। तकनीकी, कानूनी, सामाजिक और सांस्कृतिक कौशल से जुड़े कॉरपोरेट मामलों में उन्हें महारथ हासिल है। सक्सेना ने 1984 में जेके ग्रुप के साथ राजस्थान में एक सहायक अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया। 11 साल तक जेके वाइट सीमेंट प्लांट में काम करने के बाद अपनी क्षमता और काबलियत के बल पर उन्हें गुजरात में एक प्रस्तावित पोर्ट का 1995 में जनरल मैनेजर नियुक्त किया गया। उसके बाद वे शीघ्र ही धोलेरा पोर्ट प्रोजेक्ट के सीईओ और डायरेक्टर बनाए गए। उन्होंने एक 1991 में एक काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज (एनसीसीएल) बनाई जिसका मुख्यालय अहमदाबाद में है। कई महत्वपू्र्ण समितियों के रहे हैं सदस्य अक्टूबर 2015 में सक्सेना को केवीआईसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्रों में कई तरह की नई स्ट्रीम पर काम किया। जिसमें रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए काम किया। हनी मिशन, कुम्हार सशक्तिकरण योजना औ चमड़े के कारीगर अधिकारिता योजना की शुरूआत की। उनकी सफल अगुवाई में खादी ग्रामोद्योग के कारोबार में बढ़ोतरी हुई। 7 साल के दौरान 40 लाख लोगों को नए रोजगार मिले। उनके कार्यकाल साल 2021-22 में 1.15 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक कारोबार हुआ जोकि केवीआईसी और किसी के द्वारा सबसे ज्यादा कारोबार था। 5 मार्च 2021 को सक्सेना को भारत की स्वंत्रता की 75 वी वर्षगांठ बनाने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय समिति के एक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया । नवंबर 2020 सक्सेना को उच्चाधिकार प्राप्त सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया। उन्हें वर्ष 2021 के लिए पद्म पुरस्कार चयन समिति के सदस्य के रूप में भी मनोनीत किया गया। 2016 से 2022 तक वे हर साल 'अधिकार प्राप्त समिति' के सदस्य के रूप में नामित किया जाते रहे। इसके अलावा भी वे तमाम समितियों के सदस्य रहें।

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