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नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर को 2.33 करोड़ रुपये देगा भारत

काठमांडू नेपाल से चल रहे तनाव के बावजूद भारत ने यहां विश्‍व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में 2.33 करोड़ रुपये की लागत से स्वच्छता केंद्र के निर्माण की प्रतिबद्धता जताई है। आधिकारिक बयान के मुताबिक श्रद्धालुओं के लिए इस पवित्रस्थल पर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में सुधार करने के मकसद से स्‍वच्‍छता केंद्र का निर्माण होगा। इस परियोजना का निर्माण ‘नेपाल-भारत मैत्री: विकास साझेदारी’ के तहत भारत के उच्च प्रभाव वाले सामुदायिक विकास योजना के तौर पर होगा। पशुपतिनाथ मंदिर में स्वच्छता केंद्र के निर्माण के लिए भारतीय दूतावास, नेपाल का संघीय मामला मंत्रालय, सामान्य प्रशासन और काठमांडू महानगरीय शहर के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के तहत भी सूचीबद्ध है। यहां भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक पहल के तहत, भारत ने स्वच्छता केंद्र के लिए 3.72 करोड़ नेपाली रुपये (2.33 करोड़ भारतीय रुपये) की आर्थिक सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है। इसका क्रियान्वयन काठमांडू महानगरीय शहर नेपाल सरकार के निर्धारित नियमों के अनुरूप 15 माह में करेगा। पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल का सबसे बड़ा मंदिर परिसर है और बागमती नदी के दोनों तरफ फैला हुआ है जहां हर दिन नेपाल और भारत से हजारों श्रद्धालु आते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर विकास के लिए भारत की ओर से सहायता ऐसे समय में दी जा रही है, जब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद बढ़ गया है। नेपाली संसद के निचले सदन ने भारत के उत्तराखंड के लिपुलेख, कालापानी और लिमपियाधुरा को अपने नए मानचित्र में शामिल करने के लिए संविधान में संशोधन के मकसद से एक विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया। इस कदम को भारत ने 'अस्वीकार्य' बताया है।

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