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खाली पेट धूप में नहीं निकलें वरना हो सकता है हीट स्ट्रोक: डॉ. अरूण कुमार

- बन्द हो जाता पसीना और बढ़ जाती है बेहोश होने की आशंका हनुमानगढ़। गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक (लू) का खतरा रहता है। विशेषकर खाली पेट धूप में निकलने से इसकी आशंका बढ़ जाती है इसलिए हीट स्ट्रोक से बचने के लिए सावधान रहने की जरूरत है। गर्मी की लहर तेज होने के साथ ही बच्चों, बुजुर्गो और पहले से बीमार लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। हीट स्ट्रोक के सम्पर्क में आने से शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने इससे प्रभावितों को तुरंत राहत देने हेतु के निर्देश जारी किए हैं। सीएमएचओ डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि मौसम का तापमान 40 डिग्री के आसपास पहुंचने पर हीट स्ट्रोक चलने का खतरा उत्पन्न हो जाता है, लेकिन जिले का तापमान कई दिनों 48 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। सुबह 8 बजे से तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है, जो सायं सायं 7 बजे तक रहती है। ऐसे में हीट स्ट्रोक के प्रकोप से लोगों में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि हीट स्ट्रोक में शरीर का तापमान बढ़ जाता है और पसीना आना बंद हो जाता है। शरीर की जैविक क्रिया अनियमित हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति का मुंह सूखने लगता है, बेहोशी और चक्कर भी आ सकता है। ऐसे में अगर व्यक्ति की सम्भाल ना की जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। ऐसी स्थिति में रोगी को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र सम्पर्क करना चाहिए। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करें डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि जरूरी कार्य होने पर ही घर से बाहर निकलें। 12 से 5 बजे तक हीट वेव का असर सबसे अधिक होता है। कोशिश करें कि छाया वाली जगह पर खड़े हों। बाहर निकलते समय छाते, टोपी, सिर पर कपड़ा या पगड़ी आदि का प्रयोग करें। हल्के रंग का ढीले-ढाले सूती वस्त्र का प्रयोग करें। कपड़ा सफेद रंग का पहनें, तो बहुत अच्छा है। ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ साफ, पानी, छाछ, लस्सी, तोड़नी (राइस वाटर) व नींबू पानी का प्रयोग करें। कमरे का तापमान कम करने के लिए खिड़कियों को बंद कर रखें। पंखों का इस्तेमाल और वायु संचार के आवागमन की व्यवस्था होनी चाहिए। हीट स्ट्रोक के व्यक्ति को ठंडे घर में या छायादार जगह में रखना चाहिए। हीट स्ट्रोक प्रभावित व्यक्ति के शरीर को को भींगें हुए कपड़े से पोंछना चाहिए। प्रभावित व्यक्ति की गर्दन व कांख के बीच बर्फ पैकेट का इस्तेमाल करें। अगर फिर भी लक्षणों में सुधार नहीं हो तो जल्द से जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में दिखाएं। क्या नहीं करें डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि हीट स्ट्रोक से बचाव रखना बहुत जरूरी है। सूर्य की रोशनी में सीधे नहीं जाना चाहिए, यदि जाना भी हो, तो छाता, टोपी, पगड़ी या सिर ढककर बाहर निकलना चाहिए। काले ंिसंथेटिक और मोटे कपड़ों का पहनना से बचना चाहिए। बच्चों को नंगे पाव तेज धूप में बाहर निकलना से रोकना चािहए। आवश्यक ना हो तो तेज धूप में मेहनत वाले शारीरिक कार्य नहीं करने चाहिए। तापमान के समय महिलाएं को खाना नहीं बनाना चाहिए। चाय, कॉफी, गर्म तरल पदार्थ व बासी खाने का सेवन नहीं करना चाहिए। धूप में खाली पेट घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। हमेशा हल्का भोजन करने के बाद ही घर से निकलना चाहिए तथा पानी हमेशा साथ रखना चाहिए। स्वास्थ केंद्रों को किया गया है तैयार डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि गर्मी को देखते हुए सभी अस्पतालों में रोगियों हेतु कुछ बैड आरक्षित रखे गए हैं, जहां कूलर व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार हेतु आपातकालीन किट उपलब्ध है। आपातकालीन किट में ओआरएस, ड्रिपसेट, जीएनएस/जीडीडब्लू/रिगरलेकट्रेट (आरएल) फ्लूड एवं आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि लू-तापघात से बचाव के लिए चिकित्साकर्मियों, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गांव-गांव में सघन प्रचार-प्रसार अभियान चलाकर आम जन को जागरूक करने का प्रयास जारी है। लू-तापघात के किसी रोगी की जानकारी देने के लिए कण्ट्रोल रूम नं. 01552-261190 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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