इमरान के कार्यकाल में विदेश, सुरक्षा नीतियों पर हावी है पाकिस्तानी सेना : अमेरिकी रिपोर्ट

वॉशिंगटन अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर इमरान खान के कार्यकाल में पाकिस्तानी सेना देश की विदेश और सुरक्षा नीतियों पर हावी रही है। अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री पद का चुनाव जीतने से पहले खान को शासन का कोई अनुभव नहीं था। विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान की सुरक्षा सेवाओं ने नवाज शरीफ को हटाने के लिए चुनाव के दौरान घरेलू राजनीति से छेड़छाड़ की। नया पाकिस्तान के प्रयास रंग नहीं ला रहे द्विदलीय कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि नया पाकिस्तान संबंधी खान की सोच कई युवाओं, शहरी लोगों और मध्यम वर्ग के मतदाताओं को लुभाती है। उनकी यह सोच भ्रष्टाचार विरोधी, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले एक कल्याणकारी देश के निर्माण पर जोर देती है। देश में गंभीर वित्तीय संकट और विदेश से और उधार लेने की आवश्यकता के कारण उनके प्रयास रंग नहीं ला रहे हैं। सेना के प्रभाव पर रिपोर्ट में चर्चा रिपोर्ट में खास तौर पर कहा गया है कि सभी क्षेत्रों पर सेना का प्रभाव नजर आ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘अधिकतर विश्लेषकों को लगता है कि पाकिस्तान का सैन्य प्रतिष्ठान विदेश और सुरक्षा नीतियों पर लगातार हावी रहा है।’ सीआरएस अमेरिकी कांग्रेस की एक स्वतंत्र अनुसंधान शाखा है जो सांसदों के लिए रिपोर्ट तैयार करती है। घरेलू राजनीति से छेड़छाड़ का भी आरोप सीआरएस के अनुसार कई विश्लेषकों का दावा है कि पाकिस्तान की सुरक्षा सेवाओं ने नवाज शरीफ को सत्ता से हटाने और उनकी पार्टी को कमजोर करने के मकसद से चुनाव के दौरान और उससे पहले देश की घरेलू राजनीति से छेड़छाड़ की। खान की पार्टी का समर्थन करने के लिए कथित रूप से सेना-न्यायपालिका ने साठगांठ की।

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