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कोरोना के 28% केस बिना लक्षण वाले, करीबियों को इन्‍फेक्‍शन का पता तक नहीं चलता: ICMR

नई दिल्‍ली इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने पिछले दो महीने में कोरोना वायरस (Coronavirus) पर दो स्‍टडी के आंकड़े सामने रखे हैं। 22 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच जो लोग पॉजिटिव मिले, उनमें से 28% एसिम्‍प्‍टोमेटिक (बिना लक्षण वाले) थे। कॉन्‍टैक्‍ट्स में भी कोरोना के लक्षण नहीं देखने को मिले। इस दौरान कुल 40,184 लोग पॉजिटिव टेस्‍ट हुए जिनमें से 2.8% हेल्‍थ वर्कर्स थे। तीन महीने से ज्‍यादा वक्‍त में 10.21 लाख लोगों का टेस्‍ट हुआ जिनमें से 3.9% कोविड-19 पॉजिटिव निकले। पिछली स्‍टडी में थे बहुत सारे एसिम्‍प्‍टोमेटिक केस 21 अप्रैल को ICMR ने कहा था कि उसकी स्‍टडी के मुताबिक, 69% केस एसिम्‍प्‍टोमेटिक हैं। जो कि अभी के 28 पर्सेंट के मुकाबले बहुत ज्‍यादा है। तबतक करीब चार लाख सैम्‍पल टेस्‍ट हुए थे और 18,601 पॉजिटिव मिले थे। ताजा स्‍टडी बताती है कि पिछले 8 हफ्तों में टेस्टिंग कई गुना बढ़ी। मार्च की शुरुआत में जहां एक दिन में 250 लोगों की टेस्टिंग होती थी, अप्रैल के आखिर तक यह आंकड़ा 50 हजार टेस्‍ट डेली तक आ गया। कितना सही है ये आंकड़ा? एसिम्‍प्‍टोमेटिक केसेज इतने ज्‍यादा क्‍यों हैं, इसपर ICMR के अधिकारियों ने कहा कि बहुत से लोग सही से जानकारी नहीं दे पाए। आबादी में किस लेवल तक वायरस फैला है, इसका पता सीरोलॉजिकनल सर्वे से लगा रहे हैं। स्‍टडी दिखाती है कि नजदीकी लोगों में कोरोना इन्‍फेक्‍शन फैलने की संभावना सबसे ज्‍यादा है और यह वायरस पुरुषों और बुजुर्गों को जल्‍दी इन्‍फेक्‍ट करता है। कौन बने कोरोना का निशाना इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक स्‍टडी के मुताबिक, 28.1% एसिम्‍प्‍टोमेटिक केसेज में से 25.3% केस मरीज के डायरेक्‍ट और हाई-रिस्‍क कॉन्‍टैक्‍ट थे। प्रति 10 आबादी पर अटैक रेट देखें तो 50-69 साल वाले मरीज 63.3 पर्सेंट रहे। 10 साल से कम उम्र के लिए कोरोना का अटैक रेट 6.1% रहा। पुरुषों में कोविड-19 ज्‍यादा फैलता दिखा है। स्‍टडी के मुताबिक, 41.6 फीसदी पुरुष पॉजिटिव निकले जबकि 24.3% महिलाओं को इंन्‍फेक्‍शन हुआ। मरीजों ने ऐसे लक्षण बताए 12,810 मामले ऐसे थे जिनमें मरीजों ने नमूना देते समय लक्षण बताए। खांसी और बुखार सबसे आम रहा। करीब एक-तिहाई लोगों ने कहा कि उनके गले में खराश थी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। पेटदर्द, उलटी आना, सिर चकराना, डायरिया जैसे लक्षण 5 से भी कम केसेज में देखने को मिला। 30 अप्रैल तक, देश के करीब 71% जिलों में कोरोना वायरस पहुंच चुका था।

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