हाथरस केस में ट्विस्टः पीड़ित पक्ष, आरोपी और गांववाले... जानिए कौन क्या कह रहा है
हाथरस
हाथरस कांड को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। निशाने पर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार है। विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर हमलावर है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सीबीआई जांच की मांग की है। इस बीच इस केस में एक नया ट्विस्ट भी आ गया है। दरअसल, पीड़िता के भाई के नंबर पर आरोपी से 100 से ज्यादा बार बातचीत की डीटेल सामने आ गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी और पीड़िता के भाई के नंबर पर पिछले 5 महीने में 104 बार बातचीत हुई है। उधर, पीड़िता ने अपनी मौत से पहले दिए गए बयान में खुद के साथ रेप होने और जानलेवा हमले का बयान दिया था। ऐसे में अब पीड़िता और आरोपी दोनों के पक्ष में आवाज उठने लगी है। जानिए दोनों पक्षों का क्या कहना है-
क्या है आरोपी पक्ष का तर्क?
आरोपी के पक्ष वालों का ये है कहना
हाथरस मामले में कुछ ग्रामीण शुरू से ही आरोपियों का पक्ष में नजर आए हैं। इनका कहना है कि दोषी को सजा जरूर हो लेकिन किसी निर्दोष को नहीं। इनकी नजर में इस मामले में पीड़िता के परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है और बेगुनाहों को फंसाया जा रहा है। कुछ का यह भी कहना है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे को पहले से जानते थे।
मुख्य आरोपी के पिता का बयान
मुख्य आरोपी के पिता ने कुछ दिन पहले एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा था कि उनके बेटे और पीड़िता के बीच दोस्ती थी। पीड़िता के परिवार ने किसी दबाव में आकर उनके बेटे का नाम लिया। आरोपी पक्ष का यह भी कहना है कि मामले में विपक्षी पार्टियों की फंडिंग है। उनका कहना है कि पीड़िता का परिवार बार-बार बयान बदल रहा है।
'नार्को टेस्ट के लिए क्यों नहीं तैयार परिवार?
सीबीआई और नार्को टेस्ट पर आरोपी पक्ष का कहना है कि गांव के स्थानीय निवासियों का कहना है कि आरोपी नार्को टेस्ट के लिए तैयार हैं तो पीड़ित परिवार क्यों इसके लिए तैयार नहीं है। गांववालों का साफ कहना है कि निर्दोष को किसी तरीके से भी सजा नहीं होनी चाहिए।
हाथरस की जानिए ग्राउंड रिपोर्ट, क्या कह रहे हैं गांववाले
टाइम्स नाउ ने जब ग्राउंड रिपोर्ट का जायजा लिया तो गांववालों ने बताया कि किसी भी जाति में तनाव वाली कोई बात नहीं है। सभी मिलकर काम धंधा करते हैं और कोई मतभेद नहीं होता है। उन्होंने कहा कि इसपर केवल राजनीति हो रही है। गांववालों ने कहा कि गरीब लोगों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। गांववालों ने बताया कि अभी तक गांव में कभी ऐसा कोई मामला नहीं आया जिसमें जाति को मतभेद के लिए इस्तेमाल किया गया हो। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले नेता लोगों में गलतफहमी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
कॉल डीटेल्स पर पीड़िता के भाई की सफाई
कॉल डीटेल्स पर पीड़िता के भाई ने कहा है कि उसकी कभी संदीप (मुख्य आरोपी) से बात नहीं हुई है। उसने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि फोन नंबर पिता के नाम पर जरूर है लेकिन आरोपी के साथ कभी बात नहीं हुई है। भाई ने आरोप लगाया कि परिवार को बदनाम करने और दबाव बनाने की कोशिश हो रही है। उसने कहा कि 'मेरी बहन तो अनपढ़ थी, फोन कहां से चलाती। अगर बात होती थी तो रिकॉर्डिंग सुनाई जाए।
भाई बोला-आरोपियों को बचाने की कोशिश
पीड़िता के भाई ने बताया कि वह गाजियाबाद में रहते थे। जब बहन के साथ ऐसी वारदारत की जानकारी मिली तो अलीगढ़ आ गए। फिर अस्पतालों के चक्कर लगाए। परिवार ने आरोप लगाया कि मामले में आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है। पीड़िता के भाई ने कहा, 'चारों तरफ से हम लोगों को दबाया जा रहा है। आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। आरोपी सारा इल्जाम हमारे ऊपर थोप रहे हैं।'
'हम सच बोल रहे, डीएम, एसपी का हो नार्को टेस्ट'
पीड़िता के परिवार ने नार्को टेस्ट के लिए इनकार करते हुए कहा कि वे सच बोल रहे हैं और मामले में डीएम-एसपी के नार्को टेस्ट की मांग कर डाली। पीड़ित पक्ष का कहना है कि उन्हें इस टेस्ट के बारे में कुछ नहीं पता है और जब वे सच बोल रहे हैं तो उनका टेस्ट क्यों किया जाएगा। वहीं पीड़िता और मुख्य आरोपी के बीच दोस्ती की बात पर पीड़ित पक्ष ने कहा कि जो लोग यह दावे कर रहे हैं क्या वे वाल्मीकि समाज की बेटियों को अपनाएंगे?
पीड़िता का पिता बोला-हमपर कोई दबाव नहीं
पीड़िता के पिता ने कहा, 'हम पर कोई दबाव नहीं है, हमारी बेटी को इंसाफ चाहिए। 15-20 के दिन के अंदर हमारी बिटिया दुनिया से चली गई है। हमारी कोई साजिश नहीं है। हमारी बिटिया के साथ अत्याचार हुआ है।'
कॉल डीटेल्स से मामले में नया ट्विस्ट
पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच के में पता चला है कि पिछले 5 महीने में मुख्य आरोपी और पीड़ित के भाई के नाम पर रजिस्टर्ड नंबर पर कम से कम 100 बार बात हुई है। जांच में पता चला है कि संदीप को पीड़िता के भाई के नाम से एक नंबर से नियमित कॉल आए। अब पुलिस पीड़ित के भाई से जवाब मांगने की तैयारी कर रही है ताकि उसकी आवाज की पुष्टि की जा सके।
दोनों पक्षों में 23 साल पुरानी दुश्मनी
खुफिया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के परिजन और एक आरोपी परिवार की करीब 23 साल पुरानी दुश्मनी है। पीड़िता के पिता ने एक आरोपी संदीप के पिता पर तब एससी/एसटी ऐक्ट और मारपीट की एफआईआर लिखाई थी।
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