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विशाखापट्टनम: गैस लीक का भयावह मंजर, सड़क पर ही गिरने लगे लोग

हैदराबाद, 07 मई 2020, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गैस रिसाव का मामला बढ़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री वाईएस जगन रेड्डी एक्शन में आ गए हैं और ताजा हालात के बारे में जानकारी ली. बताया जा रहा है कि सीएम जगन खुद विशाखापट्टनम जा रहे हैं. इसके साथ ही अधिकारियों को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया गया है. खबरों के मुताबिक, 2000 मीट्रिक टन रासायनिक क्षमता वाले टैंक से रिसाव हुआ था. इससे 3 हजार मीट्रिक टन की क्षमता वाला एक और टैंक जुड़ा हुआ था. रिसाव के समय करीब 2000 लोग संयंत्र के अंदर थे और करीब 2000 लोग संयंत्र के बाहर थे. मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, पीवीसी गैस (या स्टाइरीन) एलजी पॉलिमर से गुरुवार सुबह करीब 2:30 बजे लीक हुई है. जहरीली गैस के रिसाव के कारण लोग या तो बेहोश हो गए या सांस लेने में तकलीफ होने लगी. बड़ी संख्या में घरेलू और पालतू जानवर और पौधे भी प्रभावित हुए. अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. घटना की सूचना पाकर मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी भी विशाखापत्तनम के लिए रवाना हो गए है. वह एएनएस अस्पताल का दौरा करेंगे, जहां प्रभावितों का इलाज किया जा रहा है. मुख्यमंत्री स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और जिला मशीनरी को तत्काल कदम उठाने और सभी सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद पूरे शहर में दहशत का माहौल है. अभी भी हालात नियंत्रण में नहीं हैं. स्थानीय प्रशासन और नेवी ने फैक्ट्री के पास के गांवों को खाली करा लिया है. दरअसल, जानकारी के मुताबिक आरआर वेंकटपुरम में स्थित विशाखा एलजी पॉलिमर कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव हुआ है. यह घटना गुरुवार सुबह हुई. इस जहरीली गैस के कारण फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं. फिलहाल, पांच गांव खाली करा लिए गए. सैकड़ों लोग सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं. हालांकि, गैस लीकेज के असली कारण का अभी पता नहीं चल पाया है. मौके पर विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी वी विनय चंद पहुंच गए हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं. उनका कहना है कि दो घंटे के अंदर हालात को नियंत्रण में कर लिया गया. कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है. तीन लोगों की मौत, 20 की हालत गंभीर: सरकारी अस्पताल में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. इसमें अधिकतर बुजुर्ग और बच्चे हैं. बताया जा रहा है कि सरकारी अस्पताल में 150-170 लोग भर्ती कराए गए हैं. इसके अलावा कई लोगों को गोपालपुरम के प्राइवेट अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है. 1500-2000 बेड की व्यवस्था कर ली गई है. इस जहरीली गैस के कारण फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं. सैकड़ों लोग सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं. सैकड़ों लोग सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं. मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी लगाई गई हैं और गांवों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. पुलिस अधिकारी लोगों से घर से बाहर निकलने की अपील कर रहे हैं और सुरक्षित जगह जाने को कह रहे हैं. साथ ही लोगों से प्रभावित इलाकों में न जाने की अपील भी की जा रही है. एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री की स्थापना 1961 में हिंदुस्तान पॉलिमर्स के नाम से की गई थी. कंपनी पॉलिस्टाइरेने और इसके को-पॉलिमर्स का निर्माण करती है. 1978 में यूबी ग्रुप के मैकडॉवल एंड कंपनी लिमिटेड में हिंदुस्तान पॉलिमर्स का विलय कर लिया गया था और फिर यह एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री हो गई.

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