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भगवंत मान के गले की फांस बनेंगे किसान !

मदन अरोड़ा।अब पंजाब के किसानअपने ही राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की गले की फांस बनते दिख रहे हैं।अपने सियासी फायदे के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार को मुश्किलों में डालने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने जिन किसानों को हजारों की सँख्या में बिना रोक टोक के हरियाणा पंजाब के शंभु बॉर्डर तक पूरे युद्धक साजो सामान के साथ पहुंचने दिया, वे अब उनके लिए मुश्किलों का सबब बनते दिख रहे हैं।बॉर्डर पर उनके द्वारा फैलाई जा रही अराजकता और जाम से आमजन को हो रही परेशानियों पर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार को किसानों की भीड़ और भारी वाहन वहां से हटाने के निर्देश दिए हैं।केंद्र सरकार ने भी पंजाब सरकार को किसानों को कंट्रोल करने और हरियाणा में घुसने से रोकने के लिए पत्र लिखा है।पर पंजाब सरकार और किसानों की गतिविधियों से नहीं लग रहा कि उन्हें हाई कोर्ट और केंद्र सरकार के निर्देशों की कोई परवाह है।पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार को जवाब देते हुए कहा है कि किसानों के प्रति सहानुभूति की जरूरत है।पंजाब में कांनून व्यवस्था पूरी तरह से कंट्रोल में है।किसानों को मनाने में हमारी अहम भूमिका है।पंजाब सरकार पर किसानों को एकत्रित करने का आरोप सही नहीं है ।हमने वहां किसानों को जमा नहीं किया है।हमारी रोक के बावजूद किसान वहां अड़े हैं।पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार को तो ये जवाब दे दिया पर क्या वह हाई कोर्ट के निर्देशों को भी इतने ही हल्के से लेकर कानूनी दिक्कतों से अपने आपको बचा पाएगी।शंभु बॉर्डर पर जब तक पंजाब सरकार सख्ती नहीं करेगी न किसानों की भीड़ कम होने वाली है और न ही वहां से भारी वाहन हटने वाले हैं।हाई कोर्ट ने हाइवे पर ट्रैक्टर और अन्य दूसरे पोकलेन, जेसीबी मशीनें नहीं हटाने के निर्देश दिए हैं ।परंतु इसके बावजूद किसान कोर्ट के आदेशों की अवमानना करते हुए हाईवे पर इनके द्वारा बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं और पंजाब पुलिस इन्हें रोकने की कोई कोशिश करती नहीं दिख रही ।अगर मान सरकार हाई कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं करती है और किसी तरह की अराजकता फैलती है तो हो सकता है कि वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए।कारण साफ है ,जिस तरह से पंजाब की तरफ से उपद्रवी किसान जबरन हरियाणा में घुसने की कोशिश कर रहे हैं और अगर इससे हरियाणा में सड़कों पर अराजकता फैलती है।यातायात बाधित होता है और कांनून व्यवस्था भंग होती है।साथ ही पंजाब की ओर से उपद्रवियों को रोकने के लिए कोई सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाये जाते है तो केंद्र सरकार हरियाणा के अनुरोध पर पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है।संविधान की धारा 356 इसे लागू करने का अधिकार केंद्र सरकार को देती है।हाई कोर्ट भी अपने आदेशों की पालना नहीं करने पर पंजाब सरकार और किसान नेताओं को दंडित कर सकती है।पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में कहा है कि जब तक ये किसान शांतिपूर्वक आंदोलन करते रहेंगे,हमें कोई ऐतराज नहीं है।दूसरी ओर हरियाणा सरकार ने कोर्ट में कहा है कि पंजाब सीमा से जैसी अराजकता पैदा कर जबरन घुसने के प्रयास हो रहे हैं,उससे लॉ और आर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है।इस पर कोर्ट को ध्यान देना चाहिए। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार इस बात का ध्यान रखे कि प्रदर्शनकारी ज्यादा संख्या में वहां न पहुंचे और बड़ी संख्या में एक जगह भीड़ के रूप में जमा न हों।कोर्ट ने कहा कि उन्हें आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन मर्यादा में रह कर।इसका उल्लंघन करेंगे तो यह गैरकानूनी कहलायेगा। कोर्ट ने कहा कि आप वहां भीड़ के रूप में टुकड़ियों में एक किनारे आंदोलन कर सकते हैं।कोर्ट ने ये भी कहा -आपको दिल्ली जाकर आंदोलन करना है तो बसों से जाएं।कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण बात और कही कि जिस तरह से किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर हाई वे पर चल रहे हैं ,वह गैर कानूनी है।अगर उन्हें अपने ट्रैक्टर ट्रॉली को कहीं ले जाना है तो ट्रक में डाल कर ले जाएं।लेकिन मोटर व्हीकल एक्ट के तहत किसान ट्रैक्टर ट्रॉली को हाई वे पर नहीं चला सकते ।आप अमृतसर से दिल्ली ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ नहीं जा सकते।यह गैर कानूनी और गलत है।कोर्ट ने कहा आपको अपनी संवैधानिक ड्यूटी भी समझनी होगी।नियमानुसार हाई वे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लाने पर पंजाब पुलिस को इन पर कार्रवाई करते हुए चालान करना चाहिए था।अगर उसने यह किया होता तो ये किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर हरियाणा सीमा तक न पहुंच पाते। कोर्ट ने आंदोलनकारियों से कहा कि उन्हें आंदोलन के लिए दिल्ली जाना है तो बसों से जाएं।जाहिर है कि पंजाब पुलिस इन्हें दिल्ली तक जाने देना चाहती थी।इन्हें गैरकानूनी तरीके से हरियाणा सीमा तक आने दिया गया। यह माना जायेगा कि पंजाब पुलिस भी इस गैरकानूनी कृत्य में शामिल है और किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।उनका समर्थन कर रही है। पुलिस को अब यह बताना होगा कि उसने कितनी ट्रैक्टर ट्रॉली जब्त की।अगर वह ऐसा नहीं कर पाती तो पंजाब सरकार को अगली तारीख पर कोर्ट में जवाब देना मुश्किल हो जाएगा और प्रदर्शन में उसकी मिलीभगत सामने आ जायेगी।पंजाब डीजीपी ने कोर्ट में कहा कि पंजाब पुलिस ने बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए कोई अवरोध पैदा नहीं किया है।हरियाणा पुलिस ने वहां अवरोधक लगाए हैं।जिसकी वजह से प्रदर्शनकारी वहां जमा हैं।दूसरी ओर हरियाणा पुलिस ने साफ किया कि अगर प्रदर्शनकारी यहां आए और सड़कों पर किसी तरह का प्रदर्शन कर यातायात बाधित किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।हरियाणा सरकार ने पंजाब सरकार को उनकी ओर से हो रही हरकतों को रोकने के लिए चेताया है। जाहिर है जिस तरह की गतिविधियां शंभु बॉर्डर पर चल रही हैं,वहां अराजकता फैलाने की कोशिशें हो रही हैं। इससे दो राज्यों के बीच टकराव होता साफ दिख रहा है।कोर्ट में पंजाब सरकार ने शांति व्यवस्था बनाये रखने,भीड़ एकत्रित न होने देने और ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं जाने देने का आश्वासन दिया है।अगर कोर्ट के आदेशानुसार भीड़ वहां से नहीं हटाई गई और ट्रैक्टर ट्रॉली और जेसीबी मशीनों को नहीं हटाया गया तो केंद्र सरकार के साथ साथ हाई कोर्ट कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।पानी अगर सर के ऊपर से निकला तो पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए।पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का ट्रैक्टर ट्रॉली ,जेसीबी मशीन और पोकलेन मशीनों को लेकर दिया गया आदेश केवल उन्हीं राज्यों के लिए ही नहीं है।यही नियम राजस्थान और अन्य राज्यों पर भी लागू होता है।इसलिए राजस्थान में आंदोलनों में ट्रैक्टर लाने वालों को सावचेत हो जाना चाहिए। ट्रैक्टर ट्रॉली में लोगों को भरकर लाना भी गैरकानूनी है और पुलिस उनके वाहन जब्त कर सकती है।पंजाब सरकार के लिए एक तरफ कुआं दूसरी ओर खाई वाले हालात बनते दिख रहे हैं।अब अगर पंजाब सरकार ने शंभु बॉर्डर पर जमा भीड़ को नहीं हटाया तो कोर्ट और केंद्र सरकार कोई भी कदम उठा सकती है और जिन किसानों को बॉर्डर तक जमा होने दिया ,वे पंजाब सरकार की कोई बात मानते दिख नही रहे। किसान अब मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के गले की फांस बनते दिख रहे हैं।

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